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Bihar Flood: बिहार में बाढ़ और बारिश से फसलों को नुकसान, CM नीतीश ने कहा- मिलेगा मुआवजा

Bihar Flood News भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने बिहार के किसानों को किया बेहाल मुख्‍यमंत्री बोले- बारिश से फसलों को हुए नुकसान के लिए दिया जाएगा किसानों को मुआवजा महानंदा मेची व डोक नदी का जलस्तर बढ़ा

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 01:25 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 01:25 PM (IST)
Bihar Flood: बिहार में बाढ़ और बारिश से फसलों को नुकसान, CM नीतीश ने कहा- मिलेगा मुआवजा
बिहार के कई हिस्‍सों में बाढ़ जैसे हालात। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण टीम। Bihar Flood: इस हफ्ते नेपाल और बिहार के कुछ हिस्‍सों में भारी बारिश के बाद उफनाई नदियां अब धीरे-धीरे ही सही शांत होने लगी हैं। अक्‍टूबर के महीने में अचानक आई बाढ़ और तेज बारिश ने उत्‍तर मध्‍य और उत्‍तर पूर्व बिहार के जिलों में काफी नुकसान पहुंचाया है। इसके कारण धान की फसल को भारी क्षति पहुंची है। खेतों में पानी भर गए हैं। धान के पौधे खेतों में गिरे पड़े हैं। नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने लगी है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अतिवृष्टि से फसलों के नुकसान के लिए सरकार मुआवजा देगी।

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कोसी के जलस्‍तर में बढोतरी से झेलनी पड़ी परेशानी

अररिया और किशनगंज जिले के दर्जनों गांव भारी बारिश के कारण बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। खगड़ि‍या में कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण संतोष व इटवा जलद्वार को बंद कर दिया गया। कटिहार-जोगबनी रेलखंड पर भी ट्रेनों का परिचालन बुधवार को बाधित रहा। बांका में चांदन नदी में जलस्तर बढ़ने से इसपर बनाया गया डायवर्सन कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया। इस कारण आवागमन प्रभावित हुआ। लखीसराय जिले के बड़हिया टाल क्षेत्र में पांच फीट की ऊंचाई तक पानी बह रहा है। इस कारण रबी फसल की बोआई प्रभावित हुई है। खगडिय़ा में कोसी और बागमती फिर उफान पर है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार इन दोनों नदियों के जलस्तर के और बढ़ने के संकेत हैं।

सुपौल जिले के कई गांवों में बाढ़ का असर

सुपौल जिले के कई गांवों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र के गौरी पट्टी गांव में सुरक्षा बांध के बहने के कारण 500 लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अत्यधिक बारिश के कारण बसंतपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रघुनाथपुर-बराटपुर पथ पर एक पुलिया धंस गई। सहरसा में बुधवार सुबह कोसी का जलस्राव ढाई लाख क्यूसेक तक पहुंच गया। नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण अररिया जिले के सिकटी, पलासी, जोकीहाट, जोगबनी आदि प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जोगबनी के कई इलाकों के लोगों को इस कारण ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। पलासी प्रखंड क्षेत्र में बहने वाली बकरा व नूना नदियों के जलस्तर में भी अप्रत्याशित बढ़ोतरी से लोग परेशान हैं। अररिया की दर्जनों सड़कों पर दो से तीन फीट तक पानी बह रहा है।

किशनगंज में भी महानंदा, मेची व डोक आदि नदियों का जलस्तर बढऩे के कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। नदियों में पानी बढ़ने के कारण नदी किनारे के ग्रामीण भयभीत हैं। कटिहार में भी महानंदा व कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। पिछले 12 घंटे में आजमनगर के समीप महानंदा के जलस्तर में 70 सेमी की बढ़ोतरी हुई है। बारिश के कारण जोगबनी स्टेशन और रेल ट्रैक पर पानी जमा हो गया है। इस कारण कटिहार-जोगबनी रेलखंड पर परिचालित ट्रेनों को शार्ट टर्मिनेट कर फारबिसगंज तक चलाया जा रहा है। पूर्णिया और मधेपुरा में बारिश के कारण धान और आलू की फसल को नुकसान पहुंचा है।

वहीं पश्चिम चंपारण में गंडक में नदी में उफान से फिर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। गंडक का जलस्तर दो लाख क्यूसेक के पार हो गया है। हालात के मद्देनजर गंडक बराज के सभी फाटक आंशिक तौर पर ऊपर उठा दिए गए हैैं। मधुबनी जिले के बेनीपट्टïी प्रखंड के दामोदरपुर गांव में बछराजा नदी में उफान के कारण डायवर्सन ध्वस्त हो गया। नदी का पानी डायवर्सन पर तेजी से बह रहा है। इससे बेनीपट्टी और बिस्फी प्रखंड के दर्जनभर गांवों का यातायात प्रभावित हो गया है।


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