बिहार में पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए सरकार पर बढ़ा दबाव, मांझी के अलावा BJP ने भी उठाई मांग
Bihar Panchayat Tenure Extension पंचायती राज अधिनियम में पहले से कोई प्रविधान नहीं है जिसके जरिए विघटित पंचायती संस्थाओं की गतिविधियां आगे जारी रखी जा सके। पंचायती राज विभाग 15 जून के बाद के कामकाज के लिए दो विकल्पों पर विचार कर रहा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Panchayat Tenure Extension: विपक्ष के बाद अब सत्तारूढ़ दल के नेता भी बिहार में पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार पंचायतों का कार्यकाल अगले छह महीने के लिए बढ़ा दे। भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। विधान परिषद सदस्य आदित्य नारायण पांडेय और डा. दिलीप कुमार जायसवाल ने भी कार्यकाल बढ़़ाने की मांग की है।
15 जून को समाप्त हो जाएगा पंचायतों का कार्यकाल
मालूम हो कि पांच साल पहले गठित त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल अगले महीने की 15 तारीख को समाप्त हो रहा है। कोरोना संक्रमण कारण समय पर चुनाव नहीं हो पाया। पंचायती राज अधिनियम में पहले से कोई प्रविधान नहीं है, जिसके जरिए विघटित पंचायती संस्थाओं की गतिविधियां आगे जारी रखी जा सके। पंचायती राज विभाग 15 जून के बाद के कामकाज के लिए दो विकल्पों पर विचार कर रहा है। यह है-प्रशासक की नियुक्ति या प्रबंध समिति का गठन। प्रबंध समिति का गठन होता है तो निवर्तमान पदधारक ही कामचलाऊ व्यवस्था के तहत काम करते रहेंगे।
आपात काल का जीतन राम मांझी ने दिया हवाला
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि आपातकाल में संसद तक का कार्यकाल बढ़ाया गया है। कोरोना के कारण आपात स्थिति पैदा हो गई है। इसलिए राज्य सरकार पंचायतों का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ा दे। ताकि गांवों का विकास बाधित न हो। अगले महीने निवर्तमान होने वाले पंचायत प्रतिनिधि संगठित होकर पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की रहे हैं।
मुखिया संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह की पहल पर भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की कई योजनाएं पंचायतों के जरिए चलती हैं। 15 जून के बाद ये संस्थाएं कैसे काम करेंगी, इसके बारे में राज्य सरकार विधि सम्मत निर्णय ले।