Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Chunav 2025: महिलाएं या पुरुष... विधानसभा चुनाव में किसने मारी बाजी? फिर रचा गया इतिहास

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 02:00 AM (IST)

    2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने रिकॉर्ड मतदान किया, जो पुरुषों से अधिक था। उन्होंने विकास, रोजगार और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। इस जागरूकता ने राजनीतिक दलों को महिला-केंद्रित नीतियों पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। महिला मतदाताओं ने कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाई, जिससे अप्रत्याशित परिणाम आए। यह बदलाव राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

    Hero Image

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव इस बार कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हुआ, खासकर महिलाओं की अभूतपूर्व लगभग 72 प्रतिशत सहभागिता ने राज्य की राजनीति को नई दिशा दी। लंबे समय से मतदान में सक्रिय भूमिका निभा रहीं बिहार की आधी आबादी इस चुनाव में रिकार्ड संख्या में बूथों तक पहुंचीं। साथ ही न केवल मतदान प्रतिशत बढ़ाया बल्कि राजनीतिक दलों को भी रणनीति के स्तर पर नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मतदान के दौरान इस बार ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी इलाकों तक महिला वोटरों की कतारें लगातार बढ़ती नजर आईं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक लगभग सभी जिलों में महिला मतदाताओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक दर्ज किया गया। यह बदलाव सिर्फ संख्या का खेल नहीं था।

    यह एक मजबूत संदेश है कि महिलाएं अब सिर्फ लाभार्थी नहीं रहीं, बल्कि वे अपनी राजनीतिक प्राथमिकताओं, सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं सामाजिक सम्मान जैसे मुद्दों के आधार पर वोट कर रही हैं।

    कई मतदान केंद्रों पर पहली बार वोट डालने वाली युवतियों की उत्साहपूर्ण मौजूदगी ने माहौल को और जीवंत बनाया। इन युवतियों ने साफ कहा कि वे विकास, रोजगार और सुरक्षित वातावरण को अपनी प्राथमिकता मानती हैं। यही नहीं, चुनाव परिणाम पर असर डालने के लिए मतदान को अपना अधिकार मानती हैं। चुनाव दर चुनाव महिलाओं की इस जागरूकता ने राजनीतिक दलों को भी अपने घोषणा पत्र एवं चुनावी भाषणों में महिला केंद्रित नीतियों को प्रमुखता से सम्मिलित करने के लिए प्रेरित किया।

    जीविका दीदियों के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों, आशा-कार्यकर्ताओं, शिक्षक, महिला सिपाही के साथ कालेज में पढ़ने वाली लड़कियाें ने बड़ी भूमिका निभाई। उनके जागरूकता अभियान ने कई गांवों में मतदान को उत्सव का रूप दिया। दोनों चरण में अधिकांश मतदान केंद्रों पर महिलाओं की कतारें सुबह से ही लगनी शुरू हो जाती थीं। कई सीटों में इस बार बहुपक्षीय मुकाबले के बीच महिला मतदाताओं ने निर्णायक भूमिका निभाई।

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महिलाओं की इस बढ़ती चुनावी सक्रियता ने पूरे चुनावी परिदृश्य को बदला। यह रुझान साफ है कि महिला मतदाता अब सिर्फ किसी एक दल के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ी नहीं रहतीं, बल्कि मुद्दों के आधार पर निर्णय करतीं हैं। इस कारण कई सीटों पर उम्मीद से अलग परिणाम देखने को मिल सकते हैं। मतदान के दौरान बिहार में महिलाओं द्वारा रचा गया यह नया इतिहास आने वाले चुनावों में भी गहरा प्रभाव छोड़ेगा।