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Bihar Chunav Results 2020: चिराग व नीतीश की अदावत की भेंट चढ़ीं JDU की 41 सीटें, NDA काे बड़ा नुकसान

Bihar Chunav Results 2020 चिराग पासवान की मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से नाराजगी ने एनडीए को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इस वजह से जेडीयू की 41 सीटें महागठबंधन के पास चली गईं। जेडीयू चुनाव में तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 06:51 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 06:20 PM (IST)
चिराग पासवान एवं मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल तस्‍वीरें।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Chunav Results 2020 नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ व्यक्तिगत नाराजगी की वजह से चिराग पासवान Chirag Paswan) ने राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। नीतीश को मुख्यमंत्री पद से बेदखल करने के लिए चिराग हठ पर अड़ गए और उनकी वजह से जनता दल यूनाइटेड (JDU) की 41 सीटें महागठबंधन (Mahagathbandhan) के खाते में चली गईं। नतीजे स्पष्ट तौर पर बता रहे हैं कि सत्ता विरोधी प्रभाव की चर्चा के बावजूद महागठबंधन (Grand Alliance) के खिलाफ जेडीयू का प्रदर्शन बेहतर रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) अगर एनडीए में रहकर चुनाव लड़ी होती, तो जेडीयू को न तो नंबर तीन की पार्टी बनकर संतोष करना पड़ता, न ही 'एंटी इन्कंबैसी' की मामूली चर्चा को विपक्ष द्वारा 'सत्ता विरोधी लहर' के रूप में प्रचारित करने का मौका मिलता।

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एकजुट एनडीए को मिल सकती थीं 167 सीटें

जेडीयू को 41 सीटों पर एलजेपी के उम्मीदवारों की वजह से हार का सामना करना पड़ा है। एलजेपी की वजह से भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी एक सीट हार गई। चिराग हठ महागठबंधन को 42 सीटें सहजता से दिला गया। एलजेपी के साथ रहने पर एकजुट एनडीए को इतनी सीटें मिल जातीं तो उनकी जीत का आंकड़ा 167 तक पहुंच जाता। एलजेपी अगर एनडीए में रहती तो नीतीश सरकार के विकास कार्यों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के असर की वजह से वह अपनी पारंपरिक सीटें भी बचा लेती। इससे एनडीए की जीत का आंकड़ा 170 के आसपास पहुंच सकता था।

जेडीयू के साथ बीजेपी को भी दे दिया झटका

स्वयं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान कहते-कहते चिराग ने बीजेपी को भी झटका दिया। एलजेपी की वजह से ही भागलपुर जैसी पारंपरिक सीट भी बीजेपी की झोली से निकालकर महागठबंधन के पास पहुंच गई। भागलपुर में बीजेपी को कांग्रेस ने सिर्फ 940 वोट से हराया। यहां एलजेपी को 20434 वोट मिले। तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की राघोपुर सीट (Raghopur Assembly Seat) पर भी एलेजपी की वजह से बीजेपी प्रत्याशी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।

तीर का निशाना डिगाने में 'बंगला' भी खाली

ऐसा नहीं कि एलजेपी ने ऐसा कर स्वयं को मजबूत कर लिया हो। अब उसके पास सिर्फ एक विधायक रह गया है। पिछले चुनाव में उसके दो विधायक जीते थे। उसका वोट प्रतिशत सिर्फ दो फीसद तक बढ़ा। पिछले चुनाव में एलजेपी को चार प्रतिशत वोट आए थे। इस बार छह प्रतिशत वोट मिले हैं। जेडीयू के साथ दुश्मनी में एलजेपी ने तीर का निशाना डिगाने की कोशिश तो की ही है, उसने अपना 'बंगला' भी खाली लिया है।

एलजेपी ने जेडीयू को कहां-कहां हराया, जानिए

सूर्यगढ़ा

जेडीयू की हार हुई: 9327 वोट से

एलजेपी ने वोट काटे: 44378

धोरैया

जेडीयू की हार हुई: 3000 वोट से

एलजेपी ने वोट काटे: 4081

जमालपुर

जेडीयू के मंत्री हारे: 4000 हजार से

एलजेपी ने वोट काटे: 14502  

शेखपुरा

जेडीयू को हार मिली: 6000 वोट से

एलजेपी ने वोट काटे: 14486

चेनारी

जेडीयू की हार हुई:17489 से

एलजेपी ने वोट काटे: 17970

करगहर

जेडीयू हारा: 3000 वोट से

एलजेपी ने वोट काटे: 16,907

शेरघाटी

जेडीयू हारा: 16449 वोट से

एलजेपी ने वोट काटे: 24000

अतरी

जेडीयू हारा: 4500 वोट से

एलजेपी ने वोट काटे: 25537

मधुबनी

वीआइपी की हार: 6000 वोट से

एलजेपी ने वोट काटे: 15775

यहां भी एलजेपी के कारण हारा जेडीयू

इसके अलावा मीनापुर, रघुनाथपुर, बड़हरिया, एकमा, बनियापुर, राजापाकर, महनार, साहेबपुरकमाल, अलौली, खगडिय़ा, नाथनगर, इस्लामपुर, सुगौली, सुरसंड, बाजपट्टïी, लौकहा, कदवा, सिंहेश्वर, सिमरी बख्तियारपुर, गायघाट, समस्तीपुर, महुआ और मोरवा विधानसभा क्षेत्रों में भी एलजेपी को मिले वोट ने जेडीयू को हरा दिया।


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