Move to Jagran APP

बिहार में प्राथमिक शिक्षा में बड़े बदलाव की तैयारी, आंगनबाड़ी सेंटर को नर्सरी क्‍लास बनाएगी सरकार

Bihar Education News बिहार के सरकारी स्‍कूलों में प्राथमिक शिक्षा का स्‍वरूप पूरी तरह बदलने की तैयारी चल रही है। सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को नर्सरी क्‍लास के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई है। इसे केंद्र सरकार से सहमति मिल गई है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 01:04 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 01:04 PM (IST)
बिहार में प्राथमिक शिक्षा में बड़े बदलाव की तैयारी, आंगनबाड़ी सेंटर को नर्सरी क्‍लास बनाएगी सरकार
बिहार में प्राथमिक शिक्षा में बदलाव की तैयारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: पहली से तीसरी कक्षा तक के बच्चों को अक्षर व अंक ज्ञान में दक्ष बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। राज्य सरकार ने इससे सबक लेते हुए अब नर्सरी क्लास को ही स्मार्ट बनाने का फैसला किया है। प्रदेश में बेसिक शिक्षा में बड़े बदलाव की तैयारी है, जिस पर हाल के बिहार दौरे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी सहमति दी है। इसके लिए चालू वित्त वर्ष में अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराने का भरोसा भी दिया है।

loksabha election banner

म्‍यूजिक रूम में रखे जाएंगे वाद्य यंत्र 

इसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा नर्सरी क्लास को ई-लर्निंग सेंटर के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। बच्चों के हिसाब से पाठ्यक्रम और स्मार्ट क्लास तैयार होंगे। म्यूजिक रूम और डिजिटल लाइब्रेरी भी होगी। म्यूजिक रूम में वाद्य यंत्र रखे जाएंगे। शैक्षणिक सामग्री व खिलौने उपलब्ध कराए जाएंगे। अलग-अलग उम्र के बच्चों के लिए अलग-अलग वर्क बुक होगा। इस कार्ययोजना पर डेढ़ हजार करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है।

  • नर्सरी क्लास को ई-लर्निंग सेंटर के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना 
  • केंद्र सरकार ने बिहार के प्रस्‍ताव को दी सहमति, खर्च होंगे डेढ़ हजार करोड़ रुपये 

आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों पर भी फोकस

शिक्षा विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों को नर्सरी कक्षा के रूप में विकसित करना शुरू कर दिया है। आंगनबाड़ी सेविकाओं को बच्चों की देखभाल और पढ़ाने के तौर-तरीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बच्चों में पढऩे-सीखने पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, ताकि बच्चों को बस्ते का बोझ न ढोना पड़े। तीन से छह आयु-वर्ग के बच्चों का मूल्यांकन किया जाएगा। हर माह बच्चों के मूल्यांकन में भाषाई, बौद्धिक, मानसिक, शारीरिक, रचनात्मक, सामाजिक व भावात्मक पक्ष का आकलन होगा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.