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बिहार में कांग्रेस से लेकर जदयू तक 10 दलों के मुख्‍यमंत्री बने, भाजपा की ख्‍वाहिश अब तक अधूरी

Bihar Diwas 2022 बिहार आज अपना स्‍थापना दिवस मना रहा है। इस मौके पर हम आपको बिहार की राजनीति के कुछ दिलचस्‍प पहलुओं के बारे में बताएंगे जिन्‍हें जानकर आप भी ताज्‍जुब कर सकते हैं। बिहार की राजनीति पूरे देश के लिए नजीर बनती है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 22 Mar 2022 04:35 PM (IST)Updated: Wed, 23 Mar 2022 09:26 AM (IST)
बिहार में कांग्रेस से लेकर जदयू तक 10 दलों के मुख्‍यमंत्री बने, भाजपा की ख्‍वाहिश अब तक अधूरी
Bihar Diwas News: बिहार दिवस पर जानिए कुछ खास तथ्‍य। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar Politics: बिहार आज अपना स्‍थापना दिवस (Bihar Diwas) मना रहा है। ब्रिटिश राज में बंगाल के विभाजन के बाद बिहार को अलग प्रांत के तौर पर अधिसूचित किया गया था। अलग प्रशासनिक इकाई के तौर पर बिहार की राजनीति का सफर भी कम दिलचस्‍प नहीं है। बिहार की राजनीति में पिछले करीब तीन दशक से बड़ा कद रखने वाली पार्टी एक बार भी इस राज्‍य में अपना मुख्‍यमंत्री नहीं बना सकी है। जबकि, बिहारी राजनीति में लगातार हाशिए पर जा रही कांग्रेस ने इस राज्‍य को पूरे 14 मुख्‍यमंत्री दिए हैं। कई छोटे और क्षेत्रीय दल भी बिहार में अपना मुख्‍यमंत्री बनवाने में कामयाब रहे हैं, लेकिन आज राष्‍ट्रीय फलक पर छाती जा रही भाजपा का यह सपना अब तक पूरा नहीं हो सका है। 

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कांग्रेस के अलावा नौ और दलों को मिला मौका 

बिहार में मुख्‍यमंत्री की कुर्सी पर कांग्रेस के अलावा अन्‍य नौ दलों के प्रतिनि‍धि भी काबिज हो चुके हैं। इनमें समता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, राष्‍ट्रीय जनता दल, जनता दल, जनता पार्टी, जन क्रांति दल, सोशलिस्‍ट पार्टी, इंडियन नेशनल कांग्रेस (ओ) और संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी शामिल हैं। आपको बता दें कि बिहार में कांग्रेस को सबसे अधिक दिनों तक शासन करने का मौका मिला है। कांग्रेस से जगन्‍नाथ मिश्रा बिहार के आखिरी मुख्‍यमंत्री थे। इसके बाद बिहार में कांग्रेस को कभी फिर मौका नहीं मिला। 

लालू और राबड़ी अलग-अलग दल से बने मुख्‍यमंत्री 

कांग्रेस को हराकर लालू जब पहली बार मुख्‍यमंत्री बने तो वे जनता दल के नेता थे। चारा घोटाले में जब उन्‍हें पहली बार जेल जाना पड़ा तो जनता दल के नेतृत्‍व ने उन्‍हें कुर्सी छोड़ने का निर्देश दिया। इस निर्देश के खिलाफ लालू ने बगावत करते हुए बिहार में जनता दल को तोड़कर अपनी नई पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल बना लिया। राबड़ी देवी इसी पार्टी से मुख्‍यमंत्री बनीं। 

नीतीश कुमार दो पार्टियों से मुख्‍यमंत्री बने

नीतीश कुमार दो पार्टियों से बिहार का मुख्‍यमंत्री बन चुके हैं। वे पहली बार समता पार्टी के नेता के तौर पर जबकि इसके बाद लगातार कई बार जनता दल यूनाइटेड के नेता के तौर पर मुख्‍यमंत्री बने। समता पार्टी और जनता दल के विलय के बाद जनता दल यूनाइटेड का गठन हुआ था। कर्पूरी ठाकुर को भी दो दलों से मुख्‍यमंत्री बनने का मौका मिला।  

चार पार्टियों को ही मिला ये खास मौका

बिहार में केवल चार दलों को ऐसा मौका मिला कि उनके दो या इससे अधिक मुख्‍यमंत्री बन पाए। इनमें पहले नंबर पर तो कांग्रेस है। इसके बाद जदयू से नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी, संयुक्‍त सोशलिस्‍ट पार्टी से सतीश प्रसाद सिंह और बिंदेश्‍वरी प्रसाद मंडल, जनता पार्टी से कर्पूरी ठाकुर और राम सुंदर दास को सीएम बनने का मौका बिहार की जनता ने दिया। कर्पूरी ठाकुर एक बार सोशलिस्‍ट पार्टी से भी सीएम बने।

गैर कांग्रेसी सीएम में ये नाम भी शाम‍िल 

बिहार के गैर कांग्रेसी मुख्‍यमंत्रियों में इंडियन नेशनल कांग्रेस (ओ) से भोला पासवान शास्‍त्री मुख्‍यमंत्री बने। यह दल कांग्रेस के विभाजन के बाद इंदिरा गांधी के नेतृत्‍व वाले धड़े के विरोध में बना था। इनके अलावा जन क्रांति दल से महामाया प्रसाद सिन्‍हा मुख्‍यमंत्री बने। बाकी गैर कांग्रेसी मुख्‍यमंत्रियों के नाम हम पहले ही बता चुके हैं। बिहार को अब तक कुल 10 गैर कांग्रेस मुख्‍यमंत्री मिले हैं।

सबसे बड़े दल का सपना अब तक अधूरा

राष्‍ट्रीय राजनीति में सबसे बड़े दल के तौर पर स्‍थापित हो चुकी भारतीय जनता पार्टी लंबे समय तक बिहार में मुख्‍य विपक्षी दल के तौर पर रही। इसके बाद करीब 15 साल से भाजपा बिहार की सरकार में है। फिलहाल भाजपा बिहार की सरकार में शामिल सबसे बड़ा दल भी है। इसके बावजूद बिहार में भाजपाई मुख्‍यमंत्री का सपना अभी अधूरा ही है। 

कांग्रेस ने खूब बदले बिहार के सीएम

बिहार ने अब तक सबसे अधिक मौका कांग्रेस को दिया। इस पार्टी ने सीएम पद पर चेहरों को खूब बदला। बिहार के पहले मुख्‍यमंत्री श्रीकृष्‍ण सिंह को छोड़ दिया जाए तो कोई भी कांग्रेसी सीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका। यहां तक कि कई कांग्रेसी सीएम का कार्यकाल एक महीने भी नहीं रहा। कांग्रेस से बिहार को श्रीकृष्‍ण सिंह, जगन्‍नाथ मिश्रा, कृष्‍ण बल्‍लभ सहाय, बिंदेश्‍वरी दूबे, बिनोदानंद झा, अब्‍दुल गफूर, चंद्रशेखर सिंह, केदार पांडेय, भागवत झा आजाद, दारोगा प्रसाद राय, सत्‍येंद्र नारायण सिन्‍हा, हरिहर सिंह, भोला पासवान शास्‍त्री और दीप नारायण सिंह भी सीएम रहे। 


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