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वित्‍त आयोग से बिहार की मांग: अतिरिक्त सहायता दे दूर करें क्षेत्रीय विषमता

बिहार सरकार ने 15वें वित्त आयोग से अतिरिक्त सहायता की मांग की है। राज्य सरकार ने क्षेत्रीय विषमता को दूर करने को ले पिछड़े राज्यों को ग्रांट इन एड कंपोनेंट का विकल्प सुझाया है।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 06:03 PM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2018 07:46 PM (IST)
वित्‍त आयोग से बिहार की मांग: अतिरिक्त सहायता दे दूर करें क्षेत्रीय विषमता
वित्‍त आयोग से बिहार की मांग: अतिरिक्त सहायता दे दूर करें क्षेत्रीय विषमता
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार सरकार ने 15वें वित्त आयोग को कहा है कि क्षेत्रीय विषमता दूर किए जाने को ले आयोग बिहार सहित अन्य पिछड़े राज्यों को अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराए। आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह के समक्ष बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में राज्य सरकार की ओर से दिए गए प्रेजेंटेशन में यह बात कही गई। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी सहित राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य और आला अधिकारी इस मौके पर मौजूद थे।
ग्रांट इन एड विकल्प को अपनाकर मिले मदद
राज्य सरकार ने अपने प्रेजेंटेशन में यह कहा कि वित्त आयोग क्षेत्रीय विषमता को दूर करने को ले पिछड़े राज्यों को 'ग्रांट इन एड कंपोनेंट' का विकल्प को अपनाकर अतिरिक्त सहायता दे सकता है। इस क्रम में बिहार की उन योजनाओं की चर्चा की गई जिसमें बिहार को अतिरिक्त सहायता की दरकार है।
आपदा प्रबंधन कोष की विषमता अतिशीघ्र दूर की जाए
राज्य सरकार ने अपने प्रेजेंटेशन में डिजास्टर मैनेजमेंट फंड का विषय भी उठाया। यह कहा गया कि 14वें वित्त आयोग ने रिस्क इंडेक्स को वैज्ञानिक तरीके से तय करने की बात कही थी।  उसी के आधार पर राज्यों को इस मद राशि की हिस्सेदारी निर्धारित होनी थी। दुर्भाग्यवश अभी तक इंडेक्स तय नहीं हो पाया है। बिहार को इस वजह से उक्त कोष से मात्र 4.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी ही मिल पाती है। यह बिहार में आपदा के स्वरूप को देखते हुए काफी कम है। इस विषमता अतिशीघ्र दूर किया जाए।
इसी तरह 14वें वित्त आयोग ने एसडीआरएफ के गठन को लेकर राशि के संबंध में यह कहा था कि केंद्र सरकार 90 प्रतिशत और राज्य सरकार दस प्रतिशत लगाएगी। पर अभी तक इस अनुशंसा का अनुपालन नहीं हुआ है। राज्य सरकार ने अपने प्रेजेंटेशन में कहा कि वर्तमान वित्त आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर) में क्षमता संबंधी पात्रता की बात कही गई। राज्य सरकार का कहना है कि क्षमता संबंधी पात्रता को न्यायपूर्ण तरीके से लागू किया जाए और यह केंद्र सरकार पर भी लागू हो।
राशि हस्तांतरण की प्रक्रिया पारदर्शी हो
राज्य सरकार के प्रेजेंटेशन में यह बल देकर कहा गया कि राज्यों के लिए राशि हस्तांतरण (डिवोल्यूशन) की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। जिस प्रक्रिया के तहत राशि का हस्तांतरण हो उसे बजट डॉक्यूमेंट या फिर सप्लीमेंट्री डॉक्यूमेंट में लाया जाए। वित्त आयोग द्वारा डेवोल्यूशन के लिए जिस प्रक्रिया को अपनाया जाए वह सभी राज्यों के लिए एक समान हो।
न जरूरतों के लिए मांगी गई अतिरिक्त मदद
- कृषि रोड मैप
- सात निश्चय
- बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन
- आर्कियोलॉजिकल साइट्स का संरक्षण
- आधारभूत संरचनाओं के निर्माण और उनका रख-रखाव
- कटाव निरोधी कार्यक्रम
- मौसम परिवर्तन को केंद्र में रख चलने वाले कार्यक्रम
- पिछड़े जिलों के विकास के लिए अतिरिक्त मदद
-हायर सेकेंडरी स्कूलों का निर्माण
- पंचायत सरकार भवन निर्माण
- गरीबों के लिए आवास योजना
- शेल्टर होम निर्माण

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