Bihar Crime News: पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक की तीन करोड़ की संपत्ति अटैच, घपले में 15 अन्य पर भी FIR
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक डॉ. ओपी चौधरी की तीन करोड़ से अधिक कीमत की संपत्ति शुक्रवार को अटैच कर ली। उनके साथ ही 15 अन्य के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। -
पटना, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक डॉ. ओपी चौधरी की तीन करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति शुक्रवार को अटैच कर ली। 2008-09 से 2009-10 के बीच दवा, रसायन और उपकरणों की खरीद में 12.63 करोड़ से अधिक के घोटाले में तत्कालीन अधीक्षक डॉ. ओपी चौधरी समेत 15 लोगों को आरोपित किया गया है। पटना विजिलेंस कोर्ट में यह मामला अब भी विचाराधीन है। बताते चलें कि जुलाई 2012 में 'दैनिक जागरण' ने न केवल इस मामले का पर्दाफाश किया, बल्कि कार्रवाई होने तक इसके खिलाफ अभियान चलाया था
चार शहरों के प्लाट, तीन चार पहिया व बैंक अकाउंट पर लगाई रोक
प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत ईडी ने डॉ. ओपी चौधरी के पटना, गाजियाबाद, पुणे और बेंगलुरु स्थित प्लाट, फ्लैट्स, तीन चार पहिया वाहन और बैंकों में जमा धनराशि को औपबंधिक आदेश जारी कर अटैच कर लिया है। इन संपत्तियों की कुल कीमत 3.14 करोड़ रुपये है।
02/07/2012 को दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर
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क्या था मामला
पीएमसीएच प्रबंधन ने 2008-09 वित्तीय वर्ष में जिस दर पर दवाएं, रसायन व उपकरणों की खरीद की थी, उससे तीन से चार गुना दर पर 2008-10 में खरीद की थी। आलम यह था कि सूचक एंटी बैक्टीरियल विक्रिल को महत्वपूर्ण सर्जिकल आइटम बताकर 2910 रुपये में खरीदा गया जबकि गोदाम में हजार रुपये की दर से खरीदा प्लेन विक्रिल पहले से भारी मात्रा में मौजूद था। जब मामला तूल पकडऩे लगा तो वर्ष 2011-12 में एक वर्ष पूर्व की दर से तीन गुना कम कीमत पर फिर उन्हीं दवा, रसायन व उपकरणों की उन्हीं एजेंसियों से खरीद कर घाटा पूरा करने का दावा किया गया था। 'दैनिक जागरण' में उस समय लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद विकासचंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने हाईकोर्ट में लोकहित याचिका दायर की। वर्ष 2013 में सरकार ने मामला निगरानी को सौंप दिया। निगरानी ने 61/2013 कांड दर्ज कर उसमें अधीक्षक डॉ. ओपी चौधरी, तत्कालीन उपाधीक्षक डॉ. गणेश प्रसाद, डॉ. आरके सिंह, नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह समेत 13 लोकसेवकों के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी।
साक्ष्य मिटाने के लिए स्टोर में हुई थी चोरी
तत्कालीन सिटी डीएसपी ने अनुसंधानकर्ता अनि अशोक कुमार ठाकुर की 20 सितंबर 2011 को सौंपी गई रिपोर्ट पर अंतिम टिप्पणी के रूप में लिखा है कि सर्जिकल स्टोर में चोरी का कोई साक्ष्य नहीं पाया गया। पीएमसीएच में हुए दवा घोटाले में न्यायालय में दायर वाद व विभागीय जांच में दोषी कर्मचारियों ने ही आरोप से बचने के लिए षडय़ंत्र के तहत चोरी गई दवा को स्टोर से हटाया है।