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Bihar Crime: बिहार में रेलवे इंजीनियर के घर CBI का छापा, 76 लाख कैश के साथ करोड़ों की संपत्ति बरामद

आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआइ ने रेलवे के सीनियर इलेक्ट्रिकल डिस्ट्रीब्यूशन इंजीनियर के ठिकानों पर छापेमारी की। सीबीआइ को इंजीनियर के पटना और बिहारशरीफ स्थित आवास से लाखों रुपये नकद तथा लाखों के आभूषण मिले हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 09:32 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 09:32 PM (IST)
सीबीआइ ने रेलवे के सीनियर इंजीनियर के ठिकानों पर छापेमारी की।

पटना, जेएनएन। आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआइ ने रेलवे के सीनियर इलेक्ट्रिकल डिस्ट्रीब्यूशन इंजीनियर के ठिकानों पर छापेमारी की। सीबीआइ को इंजीनियर के पटना और बिहारशरीफ स्थित आवास से लाखों रुपये नकद तथा लाखों के आभूषण मिले हैं। इसके साथ ही जमीन व फ्लैट में लाखों के निवेश की जानकारी भी सीबीआइ के हाथ लगी है। रविश कुमार के बारे में सभी प्रमाण जुटाने के बाद सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की और फिर बुधवार को उनपर हाथ डाला। कई अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी के दौरान रविश कुमार के यहां से 76 लाख रुपये नकद, 15 अलग-अलग संपत्तियों में निवेश के कागजात, बैंक और दूसरी संपत्ति में निवेश के कागजात बरामद हुए हैं। इसके अलावा जेवरात और आभूषण भी मिले हैं। 

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अवधि 2009 से 2020 के दौरान आय से कहीं ज्यादा संपत्ति अर्जित की

सीबीआइ के अनुसार रविश कुमार ने रेलवे में अपनी पदस्थापन अवधि 2009 से 2020 के दौरान आय से कहीं ज्यादा संपत्ति अर्जित की। उन्होंने वेतन और अन्य मद से इस अवधि में एक करोड़ चार लाख रुपये प्राप्त किए। उनकी पत्नी की आय तकरीबन 40 लाख रुपये रही। दोनों ने मिलाकर एक करोड़ 44 लाख रुपये कमाए। जिसमें से 67.41 लाख रुपये उन्होंने खर्च किए। इस लिहाज से इनकी बचत 76.59 लाख होनी चाहिए थी। 

पद का दुरुपयोग कर अर्जित की करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति 

परंतु जांच में यह बात सामने आई कि रविश कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उक्त अवधि में 3.41 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अर्जित की। रविश कुमार पर नौकरी के दौरान 2.64 करोड़ रुपये अतिरिक्त अर्जित करने के आरोप हैं। जो उनकी कुल आय का 183.40 फीसद ज्यादा है। सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि रविश कुमार के पटना और बिहारशरीफ स्थित ठिकानों पर की गई छापेमारी में अभी और सुबूत मिलने की संभावना है। सीबीआइ ने रविश कुमार के बारे में सभी प्रमाण जुटाए और प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उनपर हाथ डाला। 


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