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Bihar Covid Death: चार लाख रुपए के अनुदान के लिए एक हजार लोगों ने नहीं किया आवेदन

Bihar Covid Death Compensation बिहार सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय ने सदन को दी जानकारी कोविड से मौत पर 11133 को मिली चार लाख की राशि राज्य से बाहर मौत पर भी 50 हजार की अनुग्रह अनुदान की राशि देने का अनुरोध करेगी सरकार

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 09 Mar 2022 03:57 PM (IST)Updated: Wed, 09 Mar 2022 03:57 PM (IST)
Bihar Covid Death: चार लाख रुपए के अनुदान के लिए एक हजार लोगों ने नहीं किया आवेदन
बिहार सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय। फाइल फोटो

पटना,  राज्य ब्यूरो। बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को विधान परिषद में बताया कि अब तक राज्य में कोविड-19 संक्रमण से 12,858 की मौत हुई है। इसके अनुग्रह अनुदान के लिए 11,625 आवेदन प्राप्त हुए हैं। अभी तक 11,133 आश्रितों को चार लाख रुपये की दर से और 10,909 आश्रितों को 50 हजार रुपये की दर से अनुमान्य राशि का भुगतान किया जा चुका है। इसमें चार लाख रुपये राज्य सरकार की घोषणा के अनुरूप और 50 हजार रुपये राज्य आपदा राहत कोष के नियमानुसार निकटतम आश्रित को दिया गया है। शेष आश्रित परिवारों को भी जल्द राशि का भुगतान किया जाएगा।  

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अन्‍य राज्‍यों से भी अनुदान देने का आग्रह

जदयू सदस्य नीरज कुमार के सवाल के जवाब में मंगल पांडेय ने बताया कि कोविड के कारण राज्य के बाहर हुई मौत के मामले में भी राज्य सरकार आश्रितों को अनुदान उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। इसके लिए स्थानीय आयुक्त, बिहार भवन, नई दिल्ली के द्वारा जिस राज्य में मृत्यु हुई है, उस राज्य सरकार से समन्वय कर 50 हजार रुपये के अनुग्रह अनुदान की राशि के भुगतान का अनुरोध किया गया है।

30 दिनों में चालू होगी पीएमसीएच की इंडोस्कोपी क्लोनोस्कोपी मशीन

राजद सदस्य रामचंद्र पूर्वे ने विधान परिषद में पटना मेडिकल कालेज अस्पताल (पीएमसीएच) में एक साल से बंद पड़ी इंडोस्कोपी क्लोनोस्कोपी मशीन को लेकर सवाल पूछा। इस पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि अगले 30 दिनों में मशीनों को चालू करा दिया जाएगा। इसको लेकर विभाग ने बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) को निर्देश दिया गया है।

रामचंद्र पूर्वे ने ही गया के मगध मेडिकल कालेज अस्पताल, गया से एक हजार छोटे-बड़े आक्सीजन सिलेंडर गायब होने को लेकर भी सवाल किया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जवाब देते हुए कहा कि इस मामले की जांच 15 दिनों के अंदर पूरी कर विधिसम्मत कार्रवाई कराई जाएगी।

संजीव श्याम सिंह के द्वारा पीएमसीएच में वेंटिलेटर की खरीद में घोटाले का मामला उठाया। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यह मामला वर्ष 2012 का है। तीन सदस्यीय कमेटी ने इसकी जांच की मगर 2019 में हाई कोर्ट ने इस मामले में अंतिम निर्णय लेने पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिवक्ताओं की टीम इस मामले में रोक हटाने को लेकर अपील दायर करेगी।


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