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Bihar CoronaVirus Update: कोरोना पर नीतीश सरकार के जवाब से हाईकोर्ट असंतुष्‍ट, कहा- सही बात बताइए

Bihar CoronaVirus Update बिहार में कोरोना संक्रमण के हालात को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक पीआइएल पर सुनवाई हो रही है। इसमें गुरुवार को सरकार के जवाब से कोर्ट असंतुष्‍ट रहा।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 03:01 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 01:26 PM (IST)
Bihar CoronaVirus Update: कोरोना पर नीतीश सरकार के जवाब से हाईकोर्ट असंतुष्‍ट, कहा- सही बात बताइए

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar CoronaVirus Update: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने कोरोना महामारी (Corona Epidemic) से उत्पन्न गंभीर समस्या पर राज्‍य  से जवाब मांगा था। इसपर सुनवाई के दौरान सरकार ने गुरुवार को जवाब दिया, जिससे कोर्ट संतुष्‍ट नहीं हुआ। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए आठ सितंबर का दिन तय करते हुए राज्य सरकार से  फिर जवाब मांगा है। दिनेश कुमार सिंह एवं अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायधीश संजय कुमार की दो सदस्यीय खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई कीफ खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं है l

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याचिकाकर्ता के वकील ने कही ये बातें

याचिका पर बहस करते हुए अधिवक्ता रितिका रानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश के अनुसार अस्पतालों में सीसीटीवी लगाए जाने थे, ताकि परिवार वाले अपने मरीज को देख सकें, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आबादी 12 करोड़ 77 लाख है, लेकिन 25 लाख लोगों की आरटी (पीसीआर) मशीन से कोरोना की जांच कर पाई है। पूरे राज्य में ऐेसी केवल नौ मशीनें ही हैं l इस तरह  केवल  दो फीसद लोगों की ही कोविड टेस्ट हो पाया है। याचिकाकर्ता की वकील ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना टेस्ट के बारे में सही जानकारी नहीं दे रही है। राज्य सरकार ने एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम भी नहीं बनाई है, जो जिलों में जाकर सही जांच कर सके।

कोर्ट ने सरकार से फिर मांगा जवाब

इस मामले में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब दिया कि 1700  डॉक्टरों को कोरोना बीमारी के इलाज में लगाया गया है l हालांकि, उन डॉक्टरों को पर्याप्त मात्रा में मेडिकल उपकरण भी नहीं दिए गए हैं l राज्य सरकार यह भी साफ नहीं कर रही है कि कोरोना से मरे लोगों का शरीर किस प्रकार से  नष्ट किया जा रहा है। इन शिकायतों के बाद खंडपीठ ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव और महाधिवक्ता को  अगली सुनवाई के दिन विस्तृत जानकारी देने को कहा है l


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