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कोरोना के टीकाकरण से लेकर ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई तक पर पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से मांगी रिपोर्ट

Bihar Coronavirus News पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से मांगी वैक्सीनेशन की पूरी जानकारी पूछा सबको टीके लगाने के लिए कितने वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी ऑक्‍सीन सप्‍लाई से लेकर कोरोना से जुड़े हर प्रमुख विषय पर मांगी रिपोर्ट

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 01:55 PM (IST)
कोरोना के इलाज की व्‍यवस्‍था की निगरानी कर रही हाईकोर्ट। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Coronavirus News: पटना हाईकोर्ट ने राज्य में टीकाकरण की पूरी स्थिति की जानकारी मांगी है। राज्य के मुख्य सचिव से पूछा है कि अभी तक कितने लोगों को टीके लगाए गए। कितने को पहली और कितने को दोनों डोज लग चुकी है। 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों को शामिल करते हुए अभी तक कितने लोगों को वैक्सीन देना है। सरकार के पास अभी कितना वैक्सीन है। सभी लोगों को टीके लगाने के लिए कितने की जरूरत पड़ेगी।

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मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक एवं अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव से शुक्रवार दस बजे तक पूरा ब्योरा मांगा है। अदालत ने राज्य के आपदा प्रबंधन समूह और उसके कार्यों के बारे में भी जानकारी देने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई शुक्रवार को की जाएगी।

हाईकोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता विकास सिंह ने कोर्ट में पक्ष रखा। खंडपीठ ने राज्य सरकार और नगर निगम समेत राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पूछा है कि इस्तेमाल हुए पीपीई किट, ग्लव्स एवं अन्य सामानों को किस प्रकार से नष्ट किया जा रहा है, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। खंडपीठ ने मुख्य सचिव को कहा कि इन सारी बातों की जानकारी के लिए कोर्ट में शपथ पत्र देने की जरूरत नहीं है। ऐसे भी बताया जा सकता है।

अदालत ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण से निपटने में लगे किसी भी अधिकारी को वीडियो लिंक के जरिए कोर्ट के समक्ष पेश होने की जरूरत अभी नहीं है। सभी अधिकारी अपना काम करते रहें और हाईकोर्ट के सामने हालात की अद्यतन जानकारी एवं सही आंकड़े पेश करते रहें। खंडपीठ ने यह भी जानकारी मांगी है कि राज्य में तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति में पर्याप्त टैंकर काम कर रहे हैं या नहीं। जितने टैंकर अभी काम कर रहे हैं, उन सब के बारे में अदालत ने विस्तार से ब्योरा मांगा है।


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