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बिहार में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी तेज, पटना के अस्‍पताल में बच्‍चों के लिए विशेष आइसीयू

Bihar Covid-19 News बिहार में कोरोना की तीसरी संभावित लहर से बचने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। पटना सिटी के अगमकुआं स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर में बच्चा मरीजों के लिए बिहार की दूसरी बड़ी आइसीयू यूनिट तैयार की जा रही है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 05:29 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 05:29 PM (IST)
बिहार में कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए तैयारी शुरू। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना सिटी, जागरण संवाददाता। Bihar CoronaVirus News: बिहार में कोरोना की तीसरी संभावित लहर (Third Wave of Coronavirus) से बचने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। पटना सिटी के अगमकुआं स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर में बच्चा मरीजों के लिए बिहार की दूसरी बड़ी आइसीयू यूनिट तैयार की जा रही है। चालीस बेड की आइसीयू विकसित करने में नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल पूरी तत्परता से लगा है। नवनिर्मित और आकर्षक एमसीएच भवन की दूसरी मंजिल पर सभी अत्याधुनिक चिकित्सकीय संसाधनों से इसे लैस किये जाने का काम तेज हो गया है। अधीक्षक सह शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में नवनिर्मित एक सौ बेड वाली आइसीयू के बाद चालीस बेड की आइसीयू वाला एमसीएच दूसरा अस्पताल होगा।

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सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर में नवनिर्मित अस्पताल की दूसरी मंजिल पर व्यवस्था

अधीक्षक सह विभागाध्यक्ष डॉ. सिंह ने बताया कि एमसीएच में आठ बेड की आइसीयू है। 32 और बेड लगा कर इसे चालीस बेड का किया जाएगा। ग्यारह बेड पर बच्चा मरीज के लिए विशेष वेंटिलेटर लगाया जाएगा। अन्य बेड पर यूनिवर्सल वेंटिलेटर होगा। आइसीयू बेड व वेंटिलेटर के साथ नेबुलाइजर, डीवीटी पंप, मॉनिटर समेत अन्य जरूरी उपकरणों की मांग विभाग से की गयी है। अधीक्षक ने बताया कि चालीस बेड वाली आइसीयू एक महीना में तैयार हो जाने की उम्मीद है।

11 बेड पर लगेगा बच्चा मरीज के लिए विशेष वेंटिलेटर

अधीक्षक ने बताया कि एनएमसीएच के शिशु रोग विभाग में नवजात के लिए 24 बेड की गहन चिकित्सा इकाई, बड़े बच्चों के लिए 15 बेड का पीकू और आठ बेड की इमरजेंसी काम कर रही है। चालीस बेड की विकसित की जा रही आइसीयू के कुशल संचालन के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक तथा प्रशिक्षित नर्स व कर्मी विभाग में उपलब्ध हैं। इनके लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर आइसीयू में बच्चा मरीज के लिए समुचित और बेहतर चिकित्सा सुनिश्चित की जाएगी।


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