बिहार में बढ़ेगी CNG बसों की संख्या, समीक्षा बैठक में परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने दिए निर्देश
बिहार में परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक में सीएनजी बसों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, सरकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सीएनजी बसों के उपयोग को बढ़ावा देगी।

परिवहन मंत्री श्रवण कुमार। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में प्रदूषणमुक्त परिवहन को बढ़ावा देने के लिए सीएनजी से चलने वाली बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इन बसों का परिचालन बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) के द्वारा किया जाएगा।
परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक में इसे लेकर संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कुल 840 बसें राज्यभर में सेवारत हैं।
इनमें निगम अपने स्तर से 646 जबकि पब्लिक प्राइवेट मोड (पीपीपी) मॉडल के तहत 194 बसों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 266 सीएनजी और 25 इलेक्ट्रिक बसें पहले से ही मौजूद हैं। वहीं 593 डीजल बसें भी आधुनिक तकनीक से लैस हैं।
मंत्री ने जरूरत के अनुसार पर्यावरण-अनुकूल बसों की संख्या में इजाफा करने को कहा है। इसके लिए नई बसें खरीदने को लेकर भी विभागीय स्तर पर मंथन शुरू कर दिया गया है। समीक्षा के बाद तय किया जाएगा कि कितनी संख्या में नई बसों की खरीद की जाएगी।
छह प्रमंडल के 187 रूट पर नियमित बस
राज्य के छह प्रमंडलों में 187 रूटों पर नियमित बस सेवाएं चल रही हैं। साथ ही अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए 14 बसें अलग-अलग राज्यों को जोड़ रही हैं। इनमें मुजफ्फरपुर-रांची और गया-वाराणसी रूट पर दो-दो बसें, गया-रांची रूट पर रोजाना 10 बसें चलाई जा रही हैं।
इससे न सिर्फ बिहार के यात्रियों को सुविधा मिल रही है, बल्कि पड़ोसी राज्यों झारखंड और उत्तर प्रदेश से भी आवागमन आसान हुआ है। इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुल 100 पिंक बसों का परिचालन भी निगम के स्तर से किया जा रहा है।
यह सभी बसें सीएनजी से चलने वाली हैं, जिनमें सैनिटरी पैड, वेंडिंग मशीन, (केवल 5 रुपये में पैड), पैनिक बटन, सीसीटीवी, जीपीएस ट्रैकर, मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, माइक, म्यूजिक सिस्टम और गर्भनिरोधक गोलियां भी उपलब्ध हैं।

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