राजद और कांग्रेस को भी साथ लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से मिलेंगे बिहार के सीएम नीतीश कुमार
Bihar Politics तेजस्वी ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव से सहमत हुए। उन्होंने कर्नाटक से इससे संबंधित दस्तावेज मंगाने का भी भरोसा दिया। तेजस्वी के नेतृत्व में विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) जातीय जनगणना (Caste Based Census) कराने के आग्रह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखेंगे। इस मुद्दे पर बातचीत के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मिलने का भी समय मांगेंगे। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के साथ गए विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल को उन्होंने शुक्रवार को यह भरोसा दिया। विपक्षी नेताओं से उनकी मुलाकात विधानसभा स्थित कक्ष में हुई।
तेजस्वी के नेतृत्व में संयुक्त विपक्ष ने दिया पत्र
तेजस्वी यादव ने पत्रकारों को बताया कि विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भी दिया। पत्र पर तेजस्वी के अलावा कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा, भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, भाकपा विधायक दल के नेता रामरतन सिंह और माकपा विधायक दल के नेता अजय कुमार के दस्तखत हैं।
विकास की नीति बनाने में मददगार
पत्र में कहा गया है कि 2021 की प्रस्तावित जनगणना में पिछड़े एवं अति पिछड़े वर्गों की गणना का प्रस्ताव शामिल नहीं है। अगर यह नहीं होता है तो पिछड़े-अति पिछड़े हिंदुओं की आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति का आकलन नहीं हो पाएगा। लिहाजा इन वर्गों के विकास के लिए नीतियां नहीं निर्धारित हो पाएंगी। यह उचित होगा कि राज्य के दलीय नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिले। उनसे जातीय जनगणना का अनुरोध करे।
कर्नाटक सरकार के माडल पर हुई चर्चा
पत्र में सलाह दी गई है कि अगर केंद्र सरकार इसके लिए तैयार नहीं होती है तो राज्य सरकार अपने संसाधन से जातीय जनगणना कराए, ताकि राज्य की पूरी आबादी की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का पता चल सके। तेजस्वी ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिद्धांत रूप में इस प्रस्ताव से सहमत हुए। उन्होंने कर्नाटक से इससे संबंधित दस्तावेज मंगाने का भी भरोसा दिया। कर्नाटक में राज्य सरकार अपने संसाधन से जातीय जनगणना करा रही है। मालूम हो कि बिहार विधानसभा से दो बार सर्वसम्मति प्रस्ताव के जरिए केंद्र से जातीय जनगणना कराने की मांग की जा चुकी है। जदयू भी इसके पक्ष में है।