नीतीश कुमार बोले- बिहार विधानसभा हंगामे पर कार्रवाई कर सकते हैं स्पीकर, मैं कुछ नहीं कहूंगा
नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने जो किया ऐसा आज तक कहीं भी नहीं हुआ है। सब कुछ एकतरफा हो रहा था। सत्ता पक्ष के सदस्य शांति से बैठे रहे। क्या-क्या नहीं कहा गया क्या-क्या फेंका गया मगर एनडीए के विधायक चुपचाप बैठे रहे।
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने जो किया, ऐसा आज तक कहीं भी नहीं हुआ है। सब कुछ एकतरफा हो रहा था। सत्ता पक्ष के सदस्य शांति से बैठे रहे। क्या-क्या नहीं कहा गया, क्या-क्या फेंका गया, मगर एनडीए के विधायक चुपचाप बैठे रहे। जिस तरह का व्यवहार सदन में किया गया, वह विपक्ष स्पीकर को बताए। नहीं तो स्पीकर साहब को अधिकार है कि जिस तरह का व्यवहार किया गया, उस पर वह कार्रवाई भी कर सकते हैं। हम नहीं कहेंगे कि कार्रवाई कीजिए या मत कीजिए, यह उनका अधिकार है।
विधान परिषद के बाहर सदस्यों के साथ तस्वीर खिंचवाने के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि मैं 1985 से सदस्य हूं, मगर ऐसा कभी नहीं देखा। स्पीकर को काम नहीं करने दिया गया। आसन को बाधित किया गया। अध्यक्ष को बंधक बना लिया गया। चैंबर से नहीं निकलने दिया गया। पता नहीं कौन इनको सुझाव और सलाह देने वाले लोग हैं। कहा जा रहा कि पुलिस बुला ली गई। ये तो स्पीकर के हाथ में है। पूरी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वह कोई भी सेवा ले सकते हैं। उसके बिना कोई उपाय नहीं था। इस पूरे कैंपस में पूरा नियंत्रण विधानसभा अध्यक्ष का होता है, मेरे या सरकार के लोगों का नहीं। सत्ता पक्ष का इसमें कोई रोल नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानपरिषद को भी आज डिस्टर्ब करने की कोशिश हुई। सदन ठीक से चले, यह सभी की जिम्मेवारी है। लोगों को नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए।
लोगों के हित में है नया कानून
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गृह विभाग को कह दिया है कि पुलिस विधेयक से जुड़ी पूरी बात प्रेस कांफ्रेंस कर बताए। विधेयक को लेकर दुष्प्रचार किया गया है, इसे बताया जाएगा। ऐसा कुछ नहीं है कि किसी का अहित करने के लिए यह कानून लाया गया है। यह विधेयक लोगों के हित में है, उनकी रक्षा के लिए है। किसी को परेशान करने के लिए नहीं।
नए सदस्यों को मिलनी चाहिए ट्रेनिंग
सीएम ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के नियम-कानून हैं। जो पहली बार निर्वाचित सदस्य हैं, उनकी ट्रेनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। सबको अधिकार है, अपनी बात को सदन में रखने का। इसका तरीका आना चाहिए। सदन की कार्यवाही चलने में सहयोग करना चाहिए। सीएम ने कहा कि विधानसभा और विधान परिषद में पास होने के बाद अब ये सारे विधेयक राज्यपाल के पास जाएंगे। उनकी स्वीकृति मिल जाने के बाद यह विधेयक लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा के उपाध्यक्ष का भी चुनाव हो गया। विधानसभा में जो बहुमत की संख्या है, उससे भी ज्यादा 124 सदस्यों ने मत दिया।