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पटना में भरे मंच से नीतीश कुमार ने जोड़ा हाथ, बोले- मेरे कहने का महत्व है क्या; आप ही बताइए हाल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हाथ जोड़कर बोलते हैं कि पटना का 2005 से पहले क्या हाल था पत्रकार ये भी दिखा दें। हम बोलते रहेंगे दो उसका कोई महत्व है क्या। उन्होंने कहा कि अब तो इंटरनेट मीडिया आ गया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 04:16 PM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 04:16 PM (IST)
पटना में भरे मंच से नीतीश कुमार ने जोड़ा हाथ, बोले- मेरे कहने का महत्व है क्या; आप ही बताइए हाल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना। कारगिल चौक से एनआइटी के बीच डबल डेकर फ्लाईओवर के कार्यारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हाथ जोड़कर बोलते हैं कि पटना का 2005 से पहले क्या हाल था पत्रकार ये भी दिखा दें। हम बोलते रहेंगे दो उसका कोई महत्व है क्या। उन्होंने कहा कि अब तो इंटरनेट मीडिया आ गया। इंटरनेट पर जो मन में आता है करते हैं, तो जरा पहले वाला हाल भी इंटरनेट मीडिया पर दिखा दें। सीएम ने पुरानी यादों को पूरी भावना के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि जब तक जीवित हैं तब तक यूनिवर्सिटी का यह इलाका याद रहेगा। हम कैसे भूल सकते हैं इसे। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो पटना विश्वविद्यालय में ही पढ़े हैं। पहले साइंस कालेज में पढ़े और फिर पटना इंजीनियरिंग कालेज जो अब एनआइटी है। पहले इस इलाके में भीड़ नहीं थी। उतनी आबादी भी नहीं थी। पैदल भी निकलते थे। 2005 के बाद से इतनी सुविधाएं दी गई हैं कि आवागमन बढ़ा है। कारोबार बढ़ा है। पटना में बड़ी संख्या में बने फ्लाईओवर की चर्चा के क्रम में मुख्यमंत्री ने अपनी यादें भी साझा कीं। उन्होंने कहा कि पहले कोई व्यक्ति अगर कंकड़बाग जाता था तो एक बार में लौटना मुश्किल था। दानापुर जाने में कितनी परेशानी थी। अब जब फ्लाईओवर बन गया है तो कितना आसान हो गया है। चारों तरफ से इंतजाम किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की खुशी भी हो रही है कि बहुत दिनों बाद एक सार्वजनिक सभा में भाग ले रहे हैं। 

इतिहास निकाल लीजिए कि कितने सीएम खुदाबख्श लाइब्रेरी पहुंचे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब कारगिल चौक से एनआइटी के बीच डबल डेकर फ्लाईओवर के निर्माण की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा था तब खुदाबख्श लाइब्रेरी को लेकर कितना हंगामा मचा था। मैंने तब कुछ नहीं कहा पर अधिकारियों को साफ-साफ यह कहा कि खुदाबख्श लाइब्रेरी में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से कितनी बार हमलोग खुदाबख्श लाइब्रेरी गए यह जान लीजिए। इतिहास निकाल लीजिए कि कितने मुख्यमंत्री खुदाबख्श लाइब्रेरी पहुंचे। 


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