रांची पहुंचे बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा- ये कितनी गंदी बात है...जानिए वजह
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रांची में जदयू के सम्मेलन में कहा कि झारखंड में उनकी पार्टी की सरकार बनी तो पांच निश्चय पर काम करेंगे बिहार की तरह झारखंड में भी शराबबंदी होगी।
पटना, जेएनएन। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का विकास दिखाकर झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि 19 साल पहले जब झारखंड बिहार से अलग हुआ था तो बिहार के लोग चिंतित थे कि प्राकृतिक संसाधनों से युक्त राज्य का एक हिस्सा बिहार से अगल हो गया। ऐसे में बिहार का विकास कैसे होगा। तब 2005 में हमारी सरकार आयी और हमने 14 सालों में बिहार में विकास की गंगा बहा दी। वहीं 19 सालों में झारखंड विकास से अभी कोसों दूर है।
नीतीश कुमार शनिवार को यहां जनता दल (यूनाइटेड) के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
शराबबंदी को मुद्दा बनाकर शनिवार को रांची में अपनी पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने कहा, 'यह क्या तरीक़ा है भाई...ये कितनी गंदी बात है।' हालांकि नीतीश ने रघुबर दास का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ़ था।
नीतीश ने कहा कि बहुत लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं लेकिन बिहार को इससे (शराबबंदी से) बहुत फ़ायदा हुआ और राजस्व की जोक्षति हुई उसकी भरपाई कर ली गई है। नीतीश ने कहा कि झारखंड में भी अगर जनता दल यूनाइटेड को मौक़ा मिला तो वहां के पांच निश्चय में शराबबंदी को भी एक निश्चय के रूप रखा गया है।
आपको बता दें कि झारखंड के विधानसभा चुनाव को देखते हुए नीतीश कुमार इन दिनों राज्य में सक्रिय हैं. उन्होंने झारखंड इकाई को चुनाव में कितनी सीटों पर लड़ना है या किसके साथ गठबंधन करना है, इस फैसले के लिए अधिकृत किया है। नीतीश कुमार ने अपने भाषण के अधिकांश हिस्से में बिहार में किए गए कार्यों को गिनाया और कहा कि जबसे उनकी सरकार बनी है, समाज के सभी वर्गों का विकास हुआ है।
झारखंड के लिए ये हैं नीतीश के पांच संकल्प
नीतीश कुमार ने झारखंड में पांच संकल्पों के साथ चुनाव लड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि उनका पहला संकल्प सीएनटी और एसपीटी कानून को लेकर है। हम इस कानून में किसी भी प्रकार के बदलाव का समर्थन नहीं करते हैं। इस कानून में बदलाव का सीधा असर यहां के आदिवासियों-मूलवासियों पर पड़ेगा. वे अपने ही राज्य से बेदखल हो जायेंगे।
नीतीश ने कहा कि हमारा दूसरा संकल्प होगा झारखंड के अलग-अलग भौगोलिक स्थिति वाले प्रमंडलों के लिए अलग-अलग ऑथरिटी बनाना। इससे उन क्षेत्रों के उनकी अलग तरह की समस्याओं से उबारा जा सके।
तीसरे संकल्प के बारे में नीतीश ने कहा कि राज्य के अल्पसंख्यकों के लिए विशेष योजना बनायी जानी चाहिए। झारखंड में अल्पसंख्यकों का एक बड़ा तबका बुनकर है . आज वे रोजगार के संकट से गुजर रहे हैं उनके लिए विशेष योजना तैयार कर उनके हुनर का इस्तेमाल होना चाहिए
नीतीश का चौथा संकल्प दलितों और पिछड़ों के आरक्षण को लेकर है। उन्होंने कहा कि हमारे बिहार में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया गया है। ऐसा ही हम झारखंड में करना चाहते हैं। साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दलित और अति दलित के लिए भी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें
बिहार में शराबबंदी का फायदा गिनाते हुए नीतीश कुमार ने झारखंड में शराबबंदी का संकल्प दुहराया। उन्होंने कहा कि WHO के एक सर्वे की बात करें तो हर साल 30 लाख लोगों की मौत शराब के कारण होती है। शराब ना केवल जान लेता है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी बाधा पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में शराब पर पाबंदी है, वहां के लोग झारखंड में आकर शराब पीते हैं। मुझे आश्चर्य होता है कि दो भाई के जैसे राज्य बिहार और झारखंड हैं। बिहार में शराब बंद है और झारखंड में सरकार दुकानों की संख्या बढ़ाने में लगा हुआ है।