Bihar Chunav Results 2020: खुद धराशाई हो नीतीश को कमजोर कर गए चिराग, तेजस्वी के लिए विलेन बने ओवैसी
Bihar Chunav Results 2020 बिहार चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को चिराग पासवान ने कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उधर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के चुनाव मैदान में कूदने के कारण तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनने का सपना चूर हो गया।
पटना, जेएनएन। Bihar Chunav Results 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। एक बार फिर जनता दल यूनाइटेड (JDU) सुप्रीमो नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार बनने जा रही है। हालांकि, नीतीश कुमार एनडीए में बड़ा भाई से छोटा भाई हो गए हैं। उधर, एक्जिट पोल में क्लीन स्वीप लेते दिखे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का महागठबंधन (Mahagathbandhan) का मुख्यमंत्री (CM) बनने का सपना पूरा नहीं हो सका। दरअसल, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने नीतीश कुमार को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी तो एआइएमआइएम (AIMIM) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) आरजेडी के तेजस्वी के लिए विलेन सिद्ध हुए।
आंकड़ों के उलटफेर में चिराग व ओवैसी का बड़ा हाथ
विदित हो कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 सीटें मिलीं हैं। महागठबंधन को 110 तो अन्य दलों को आठ सीटें मिलीं हैं। 75 सीटों के साथ आरजेडी सबसे बड़ा दल बनकर उभरा है, लेकिन उसके में सत्ता आते-आते फिसल गई। एनडीए में 74 सीटों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) सबसे बड़ा दल है। जेडीयू को 43 तथा अन्य घटक दलों विकासशील इनसान पार्टी (VIP) एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को चार-चार सीटें मिली हैं। आंकड़ों के इस उलटफेर में चिराग पासवान एवं असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा हाथ माना जा रहा है।
जेडीयू ने माना, चिराग पासवान ने पहुंचाया नुकसान
एनडीए में रहते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठे चिराग पासवान ने अंतत: नीतीश का नेतृत्व अस्वीकार करते हुए बिहार में गठबंधन से किनारा कर लिया। चिराग ने नीतीश कुमार को कमजोर करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। चुन-चुन कर जेडीयू के खिलाफ अपने प्रत्याशी खड़े किए। इस कारण एनडीए के वोटों में बिखराब आया, जिसका घाटा जेडीयू को हुआ। खास बात यह रही कि चिराग केंद्र सरकार में अभी भी एनडीए में हैं। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान वे बीजेपी को समर्थन देने की बात कहते रहे। उन्होंने खुद को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का हनुमान भी बताया। इससे बीजेपी के वोटरों में भी संशय के हालात बने। जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी (KC Tyagi) ने भी माना है कि चिराग के कारण पार्टी को नुकसान हुआ।
असदुद्दीन ओवैसी ने बांट दिए महागठबंधन के वोट
विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने पांच सीटों पर जीत कर आरजेडी को बड़ा नुकसान पहुंचाया। ओवैसी के कारण बीजेपी व पीएम मोदी तथा नीतीश विरोधी जिन वोटों को महागठबंधन को मिलना था, वे बंट गए। ओवैसी ने मुस्लिम वोटों के साथ दलित वोटों में भी सेंधमारी कर दी। इस कारण महागठबंधन को बड़ा नुकसान हुआ। बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके में ओवैसी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की है। महागठबंधन को भरोसा था कि सीमांचल की मुस्लिम आबादी ओवैसी के बजाए उसके साथ है, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। आंकड़ों पर नजर डालें तो पूर्णिया की अमौर सीट पर कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान को इस बार 11 फीसद वोट मिले। दूसरी ओर यहां एआइएमआइएम के प्रत्याशी अख्तर-उल-ईमान को 55 फीसद से अणिक वोट मिले। बहादुरगंज सीट पर भी कांग्रेस के तौसीफ के केवल 10 फीसद वोट की तुलना में एआइएमआइएम प्रत्याशी को करीब 47 फीसद वोट मिले।