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Bihar Chunav 2020 Results: पटना की कई सीटों पर बागियों ने बिगाड़ा पार्टियों के उम्मीदवारों का खेल

Bihar Chunav 2020 Results विधानसभा चुनाव के दौरान पुरानी पार्टी को छोड़ दूसरे दल या निर्दल लड़ने वाले कई प्रत्याशियों ने परिणाम को प्रभावित कर दिया। ऐसे बगावती प्रत्याशियों की वजह से प्रतिद्वंदी की जीत का फासला काफी अधिक हो गया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 12 Nov 2020 09:51 PM (IST)Updated: Thu, 12 Nov 2020 09:51 PM (IST)
Bihar Chunav 2020 Results: पटना की कई सीटों पर बागियों ने बिगाड़ा पार्टियों के उम्मीदवारों का खेल
पटना में बगावती प्रत्याशियों की वजह से प्रतिद्वंदी की जीत का फासला काफी अधिक हो गया।

श्रवण कुमार, पटना। विधानसभा चुनाव के दौरान पुरानी पार्टी को छोड़ दूसरे दल या निर्दल लड़ने वाले कई प्रत्याशियों ने परिणाम को प्रभावित कर दिया। ऐसे बगावती प्रत्याशियों की वजह से प्रतिद्वंदी की जीत का फासला काफी अधिक हो गया। जिले में कम से कम तीन ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां न सिर्फ जीत के फासले बढ़े, दलीय प्रत्याशी की हार भी हो गई। 

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पालीगंज विधानसभा क्षेत्र से भाकपा माले के प्रत्याशी संदीप सौरभ ने 67798 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की है। वहां एनडीए की ओर से जदयू ने जयवर्धन यादव को मैदान में उतारा था। भाजपा से टिकट की प्रबल दावेदार रहीं ऊषा विद्यार्थी ने जयवद्र्धन का खेल बिगाड़ दिया। ऊषा लोजपा के टिकट पर पालीगंज से मैदान में उतर गईं। उन्होंने 16024 वोट भी झटक लिए। परिणाम यह हुआ कि जयवद्र्धन 36,870 वोटों पर सिमट गए और संदीप सौरभ से 30,928 मतों से पराजित हो गए। दिलचस्प यह है कि जहां एक ओर ऊषा विद्यार्थी ने पालीगंज सीट जदयू के खाते में जाने पर भाजपा से बगावत किया, वहीं जयवद्र्धन ने राजद से पैंतरा बदल जदयू का दामन थामा था। वर्तमान विधायक जयवद्र्धन को जदयू में शामिल करा चुनाव लड़ाने के पीछे इस सीट को अपने खाते में सुनिश्चित कराने की पार्टी की मंशा धरी रह गई। 

दूसरी सीट मनेर विधानसभा की है, जहां भाजपा के निखिल आनंद को श्रीकांत निराला की बगावत का खामियाजा भुगतना पड़ा। यह सीट पिछली बार राजद के भाई वीरेंद्र के पास थी। भाजपा ने इस सीट के दावेदर रहे श्रीकांत निराला को दरकिनार कर निखिल आनंद को मैदान में उतारा था। श्रीकांत ने बगावत कर निर्दलीय ताल ठोकी। बगावत से प्रतिद्वंदी राजद के भाई वीरेंद्र की राह आसान हो गई। उन्होंने 94,070 वोट प्राप्त कर जीत की हैट्रिक बना ली। निखिल को 61,151 और श्रीकांत को 14,597 मत प्राप्त हुए। 

तीसरी सीट बिक्रम में तो बगावत का ऐसा असर हुआ कि भाजपा के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर खिसक गए। भाजपा ने कांग्रेस से वर्तमान विधायक सिद्धार्थ सौरभ से मुकाबले के लिए अतुल कुमार को मैदान में उतारा। पहले से भाजपा के टिकट के दावेदार रहे पूर्व विधायक अनिल कुमार ने बिक्रम में बगावत कर निर्दल उतर गए। यहां भी सिद्धार्थ को इसका सीधा फायदा मिला और उन्होंने 86,001 वोट लाकर फिर से सीट पर कब्जा जमा लिया। भाजपा हाथ मलते रह गई और प्रत्याशी अतुल 14,232 वोट लाकर तीसरे स्थान पर पहुंच गए। उनसे अधिक 50,611 मत निर्दलीय लडऩे वाले अनिल ले गए।   


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