जयंती विशेष: बीपी की मंडल रिपोर्ट से पिछड़ों को मिला था आरक्षण का लाभ, जानिए
बिहार आज अपने पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल की जयंती मना रहा है। बीपी मंडल ने ही मंडल आयोग बनाने में बड़ा योगदान दिया था, जिससे पिछड़ों को आरक्षण का लाभ मिल सका।
पटना [जेएनएन]। मंडल आयोग बनाने में पिछड़ों के मसीहा बीपी मंडल का योगदान रहा। अपने बेबाक अंदाज और लोगों के हित के विषय में सोचने वाले मंडल अपनी कर्तव्य निष्ठा, सादगी ओर सच्चाई के लिए जाने जाते रहे। उन्हें जब भी मौका मिला वो अपने काम से लोगों की नजरों में बैठ गए। पिछड़ा आयोग का अध्यक्ष बनकर पूरी लगन के साथ देश व राजहित में काम करते रहे।
मंडल ने देश के लगभग 640 जिलों में जाकर गांव-कस्बों की वस्तुस्थिति को परख कर एक ऐसी रिपोर्ट तैयार की जो देश के पिछड़े वर्गों के लिए लाभकारी साबित हुई। हित का संविधान अर्थात 'मंडल आयोग' की रिपोर्ट तैयार कर बीपी मंडल ने तत्कालीन गृह मंत्री ज्ञान जैल सिंह को सौंपी।
मंडल रिपोर्ट ने बदल दी विचारधारा
पिछड़ी जातियों की गणना का श्रेय बीपी मंडल को जाता है। मंडल ने अपनी रिपोर्ट के जरिए पिछड़े वर्ग में विभिन्न जातियों को शामिल करने से पहले उसकी सामाजिक स्थिति को देखा और आर्थिक कसौटियों पर उस जाति को कसा।
मंडल ने 1931 के जनगणना के आधार पर अपनी रिपोर्ट बनाकर तत्कालीन गृह मंत्री ज्ञानी जैल सिंह को सौंपी। कोशी प्रमंडल के मधेपुरा जिले के मुरहो गांव के रहने वाले बीपी मंडल की प्राथमिक शिक्षा गांव में हुई। उन्होंने दरभंगा एवं पटना से उच्च शिक्षा प्राप्त की। 25 अगस्त 1918 को जन्मे मंडल आने वाले दिनों में मधेपुरा विधान सभा के लिए सदस्य चुने गए। वर्ष 1962 में बिहार विधान सभा में अपनी मौजदूगी दर्ज की।
पांच साल बाद मंडल ने मधेपुरा से लोकसभा का चुनाव जीत कर बिहार का नाम रोशन किया। बिहार के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। बिहार के पहले यादव मुख्यमंत्री का गौरव मंडल को प्राप्त हुआ। 20 दिसंबर 1978 को मोरारजी देसाई सरकार ने बीपी मंडल की अध्यक्षता में छह सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की घोषणा की।
एक जनवरी 1979 को आयोग ने अधिसूचना जारी कर रिपोर्ट को 1982 में संसद में पेश किया गया। मंडल रिपोर्ट को वर्ष 1989 में होने वाले लोकसभा चुनाव में जनता दल ने चुनाव घोषणा पत्र में शामिल किया। सात अगस्त 1990 को तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मंडल रिपोर्ट को लागू करने की घोषणा की।
केंद्र सरकार ने आठ सितंबर 1993 को नौकरियों में पिछड़े वर्गों को 27 फीसद आरक्षण देने की अधिसूचना जारी कर पिछड़े वर्गों के लोगों को राहत दी। बीपी मंडल ने गरीबों के उत्थान के लिए सपने देखे तो उसे पूरा किया। देश के संविधान ने भी रिपोर्ट पर मुहर लगा कर उसे पारित कर दिया।
अपने कार्यों को निष्ठा पूर्वक पूरा करने के बाद हृदय गति रुकने से 13 अप्रैल 1982 मंडल का निधन हो गया। जो देश और राज की राजनीति के लिए सबसे बड़ी क्षति थी। राजकीय सम्मान के साथ मंडल का अंतिम संस्कार उनके गांव में किया गया।