बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला: शराब की फैक्ट्रियों का नहीं होगा रिन्यूअल
बिहार की कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब राज्य में शराब की फैक्ट्रियों का नवीकरण नहीं होगा। सरकार ने कहा है कि यदि फैक्ट्री दूसरे उत्पाद बनाएगी तो उन्हें एनओसी देंगे।
पटना [जेएनएन]। बिहार कैबिनेट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब राज्य में किसी भी शराब फैक्ट्री का नवीकरण नहीं होगा। मंगलवार को राजगीर में बिहार कैबिनेट की विशेष बैठक के दौरान इस फैसले को मंजूरी दी गई।
बिहार में पूर्ण शराबबंदी के तकरीबन नौ महीने के बाद अब सरकार ने राज्य में चलने वाली शराब फैक्ट्रियों को भी बंद करने का फैसला लिया है। तय हुआ है कि पूर्ण शराबबंदी के बाद भी राज्य में जितनी भी शराब फैक्ट्रियां या बॉटलिंग प्लांट हैं 31 मार्च के बाद उनके मौजूदा लाइसेंस का नवीकरण नहीं किया जाएगा।
मंगलवार को राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
बैठक के बाद मंत्रिमंडल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि राज्य में भारत निर्मित विदेशी शराब की बारह, ईएनए की छह फैक्ट्रियां चल रहीं हैं। इसके अलावा तीन बेवरेजेज हैं। लाइसेंस का नवीकरण न होने से ये तमाम प्लांट बंद हो जाएंगे।
परन्तु, सरकार ने इन शराब फैक्ट्रियों को प्रस्ताव दिया है कि वे शराब या बीयर छोड़ दूसरा कोई पेय पदार्थ बनाने को तैयार होते हैं, जिसमें अल्कोहल की मात्रा न हो उन्हें बिहार में कारोबार करने के लिए नए सिरे से लाइसेंस दिया जाएगा।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए फैसले से इथेनॉल बनाने वाली छह कंपनियों पर कोई प्रभाव नहीं होगा, वे बकायदा अपना उत्पादन जारी रखेंगी। प्रधान सचिव ने बताया कि इथेनॉल का प्रयोग पेट्रोल में किया जाता है इसलिए बिहार में विभिन्न कंपनियों द्वारा किए जा रहे इथेनॉल उत्पादन पर कोई रोक नहीं होगी।