बिहार बोर्ड परीक्षा 2018: अंदर प्रश्नपत्र की चिंता, बाहर जूता-मोजा की टेंशन, जानिए
बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा के पहले दिन अंग्रेजी विषय की परीक्षा थी। परीक्षार्थियों को परीक्षा हॉल के भीतर प्रश्नपत्र को सॉल्व करने की टेंशन थी तो बाहर खोलकर आए जूता-मोजा की।
पटना [जेएनएन]। बिहार बोर्ड के मैट्रिक की परीक्षा में जूता-मोजा पहनकर परीक्षा केंद्र जाने की मनाही है लेकिन पहले दिन कई परीक्षार्थी जूता पहनकर आ गए जिसे सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों ने उतरवा दिया। अब परीक्षा दे रहे छात्रों को प्रश्नपत्र सॉल्व करने से ज्यादा अपने जूतों की चिंता सताती रही।
वहीं पटना स्थित एक परीक्षाकेंद्र पर परीक्षार्थी ने पुलिस वाले से पूछा- अंकल जूते कहां रखूं? पुलिस वाले ने उसे घूरकर देखा तो परीक्षार्थी डर गया। उसे अचानक एक बेंच दिखा और वह ईंटों के बीच जूतों को छिपाकर परीक्षा केंद्र में जाने लगा, लेकिन पुलिसवाले से उसने फिर पूछा- अंकल ये चोरी तो नहीं होगा।
परीक्षा केंद्रों पर चप्पल की जगह जूता पहन कर आए अधिकतर बच्चों की हालत एेसी ही थी। परीक्षार्थियों की चिंता एग्जाम से ज्यादा जूतों की सुरक्षा को लेकर दिखाई दे रही थी। कई छात्र थे जो जूतों को लेकर परेशान दिख रहे थे तो कुछ छात्रों ने परीक्षा खत्म होने के बाद जूतों की चोरी होने की भी शिकायत की। वहीं कुछ परीक्षार्थियों ने तो अपने जूते ठेलेवालों, खोमचेवालों और चाय वालों की दुकान पर किराया देकर भी रखा था।
पहले दिन आधे घंटे विलंब पर रही छूट
बिहार बोर्ड की ओर से परीक्षार्थियों को परीक्षा आरंभ होने से 10 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचने का निर्देश परीक्षा शुरू होने के दो दिन पहले ही बोर्ड की आयोजित मीटिंग में लिया गया था। लेकिन पहले दिन परीक्षा केंद्र पर आधा घंटा विलंब तक पहुंचनेवाले परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में प्रवेश करने दिया गया।