Coronavirus के खिलाफ सामने आए बिहार भाजपा अध्यक्ष, कहा- मैं केवल राजनीतिज्ञ नहीं, एक डॉक्टर भी हूं
कोराेना वायरस के खतरे को लेकर बिहार पूरी तरह अलर्ट है। ऐसे में बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाले खतरे के बीच चिकित्सक होने का फर्ज अदा किया।
पटना, राज्य ब्यूरो। कोराेना वायरस के खतरे को लेकर बिहार पूरी तरह अलर्ट है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के आह्वान का बिहार की जनता ने पूरी तरह पालन करने निर्णय लिया है। इसके खात्मे के लिए आम से लेकर खाास तक पूरी तरह एक्टिव हैं। हर कोई पूरी सावधानी बरत रहे हैं। अब इसके खात्मे के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल आगे आए हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने इसे लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं को सात सूत्र भी दिए।
दरअसल, डॉ संजय जायसवाल केवल राजनीतिज्ञ ही नहीं हैं, बल्कि एक चिकित्सक भी हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाले खतरे के बीच अपने चिकित्सक होने का फर्ज अदा करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर लोगों को कोरोना से बचाव के उपायों के साथ-साथ देश भर में जारी लॉकडाउन के महत्व को विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा है कि बहुत तरह की बातें देश में चल रहीं हैं। काफी प्रश्न भी उठ रहे कि केवल 10 मरीजों की मृत्यु हुई है और 497 लोगों को कोरोना हुआ है। इसके बाद भी जो भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ था कि सारी ट्रेनें बंद हैं। सारे हवाई जहाज बंद हैं। सारी बसें बंद हैं, ऐसा क्यों हो रहा है। कहा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मैंने सोचा कि साधारण शब्दों में बिहार की सभी जनता को समझाया जाए कि आखिर क्यों कड़े कदम भारत की सरकार और सभी राज्य सरकारों ने लिया है।
डॉ. जायसवाल ने कहा कि वर्तमान में देश की जनसंख्या 130 करोड़ से ऊपर है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी भी तमाम देशों से बहुत ज्यादा है। हमारी कोशिश इस वायरस के विस्तार को रोकने की है। प्रधानमंत्री ने पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया है। यह संक्रमण रोकने का सर्वाधिक प्रभावी उपाय साबित होगा। कोरोना की साइकिल टूटेगी तो इसका प्रभाव बहुत सीमित रह जाएगा।
भाजपा कार्यकर्ताआें को दिए सात सूत्र
- भाजपा कार्यकर्ताओं का यह दायित्व है कि नियमों का सख्ती से पालन करें व प्रशासन को पूरा सहयोग दें।
- राज्य के सभी भाजपा कार्यालय पूरी तरह से बंद रहेंगे। इसमें किसी भी अपवाद या वीआइपी व्यवहार के लिए जगह नहीं रहनी चाहिए।
- एक-एक कार्यकर्ता को स्वयंसेवक के रूप में पेश करना चाहिए। जनता से अपील करते हुए प्रेस विज्ञप्तियां व सोशल मीडिया पर आधिकारिक पत्र लिखने चाहिए।
- कंपनी मालिकों व अन्य नियोक्ताओं से यह अनुरोध है कि वह अपने कर्मचारियों के मददगार बनें और उनके हितों का ख्याल रखें। बंदी के दौरान कर्मियों के वेतन में किसी तरह की कटौती नहीं करें।
- व्यापारियों से बात कर उन्हें किसी भी प्रकार की कालाबाजारी या जमाखोरी से बचने के लिए प्रेरित करें।
- आस-पड़ोस में अभियान चला कर सामाजिक दूरी, घरों में रहने की आदत एवं अच्छी स्वास्थ्य प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए सभी को जागरूक करें।
- लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए डॉक्टरों, पुलिसकर्मियों, मीडियाकर्मियों और देशवासियों के प्रति आभार व्यक्त करने वाले ट्वीट करें।