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Barauli Election 2020: बरौली में राजद के लिए दोहरी चुनौती, बागी बने विधायक बिगाड़ सकते हैं समीकरण, 59 फीसद हुअा मतदान

Barauli Election News 2020 बरौली विधानसभा सीट पर राजद ने अपने विधायक का टिकट काटकर दूसरे को प्रत्‍याशी बना दिया है। इस कारण से विधायक बागी होकर जदयू में शामिल हो गए हैं। भाजपा ने अपने पुराने प्रत्‍याशी को मैदान में उतारा है।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 10:15 PM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 08:09 PM (IST)
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जेएनएन, गोपालगंज। बरौली सीट गोपालगंज लोकसभा के अंतर्गत आती है। मंगलवार को जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र 59 फीसद मतदान हुआ। साल 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में यहां के पहले विधायक कांग्रेस के अब्‍दुल गफूर बने थे। साल 2015 में हुए चुनाव में भाजपा के रामप्रवेश राय तथा राजद के मो नेमतुल्ला के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। उसमें नेमतुल्‍ला ने बाजी मारी थी। लेकिन इस बार पार्टी ने उनका का टिकट काटकर रेयाजुल हक राजू को उम्‍मीदवार बनाया है। इससे खफा होकर विधायक नेमतुल्‍लाह ने जदयू का दामन थाम लिया है। बसपा प्रत्याशी शाह आलम के ताल ठोकने से राजद के लिए कोर वोटरों को समेटना बड़ी चुनौती हो सकती है।

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चुनावी समर में डटे हैं 18 योद्धा

बरौली विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं। कुल 18 प्रत्‍याशी यहां मैदान में हैं। क्षेत्र में वोटरों की संख्‍या करीब तीन लाख है। इनमें 1 लाख 54 हजार 178 पुरुष और 145630 महिला वोटर हैं।

ये हैं प्रत्‍याशी

रामप्रवेश राय - भाजपा

रेयाजुल हक राजू - राजद

सचिन कुमार सिंह-एनसीपी

शाह आलम-बसपा

पूनम प्रसाद-जनता पार्टी

सत्‍येंद्र कुमार पटेल-जनतांत्रिक लोकहित पार्टी

मो शमशाद-राष्‍ट्रीय जन कांग्रेस

मंजू कुमारी-भारतीय बहुजन कांग्रेस पार्टी

प्रमेंद्र कुमार यादव-सुभाषवादी भारतीय समाजवादी पार्टी

अभिषेक रंजन-निर्दलीय

आजम तारा-निर्दलीय

चितलाल साह-निर्दलीय

फिरोज अली-निर्दलीय

रमेश कुमार गुप्‍ता-निर्दलीय

रमेश कुमार प्रसाद-निर्दलीय

रूदल महतो-निर्दलीय

वसीम अकरम-निर्दलीय

सुनील कुमार यादव-निर्दलीय

प्रमुख मुद्​दे:

1. बाढ़ से छुटकारा नहीं- उत्‍तरी हिस्से में गंडक नदी से लगने वाली दो दर्जन से अधिक पंचायतों की एक प्रमुख समस्या हर साल आने वाली बाढ़ है। नदी के बांध की मरम्मत हर साल की जाती है। इसके बाद भी हर साल बाढ़ तबाही मचाती है।
2.
स्वास्थ्य सेवा- स्वास्थ्य सेवा की कमी एक बड़ी समस्या है। लाखों की आबादी के लिए बरौली में महज एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा मांझा में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। स्थाई चिकित्सा प्रभारी की तैनाती नहीं होने से दोनों स्वास्थ्य केंद्र प्रभार में चल रहे हैं।
3.
बरौली बाजार का नहीं हुआ विकास- इस क्षेत्र में बरौली नगर पंचायत भी आता है। 21 वार्डों वाली नगर पंचायत में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। नगर पंचायत के साथ ही प्रखंड मुख्यालय होने के साथ ही बरौली बाजार इस विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार है।
4.
उच्च शिक्षा- 43 पंचायत तथा  21 वार्ड वाले  बरौली विधानसभा क्षेत्र में उच्च शिक्षा भी बड़ी समस्या बनी हुई है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज नहीं है।
5.
आठ वर्षों में भी नहीं बना स्टेडियम- मांझा तथा धर्मपरसा में स्टेडियम निर्माण का कार्य आठ वर्ष पूर्व शुरू हुआ था। लेकिन, आज तक स्टेडियम का निर्माण पूरा नहीं हो सका। दोनों जगह चारदीवारी का निमार्ण कार्य कराने के बाद काम बंद है।

कौन जीता - कौन हारा

2010 रामप्रवेश राय, भाजपा - मोहम्मद नेमतुल्ला, राजद

2015 मो नेमतुल्ला, राजद - रामप्रवेश राय, भाजपा


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