कोरोना काल में बेरोजगार के लिए लागू पीएम स्वनिधि योजना में पिछड़ा बिहार, बिना गारंटी मिलना था लोन
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना बिहार में फिसड्डी साबित हो रही है। योजना के तहत फुटपाथी दुकानदारों को दस हजार रुपये का बिना गारंटी का ऋण दिया जाना है। हालत यह है कि लगभग आधे आवेदन अभी तक लंबित पड़े हैं।
कुमार रजत, पटना : कोरोना काल में रोजगार खो बैठे गरीब तबके के लिए लागू की गई प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना बिहार में फिसड्डी साबित हो रही है। योजना के तहत फुटपाथी दुकानदारों को दस हजार रुपये का बिना गारंटी का ऋण दिया जाना है। हालत यह है कि लगभग आधे आवेदन अभी तक लंबित पड़े हैं। जिन आवेदनों को स्वीकृत किया गया है, उनमें भी 60 फीसद से अधिक को राशि नहीं मिल पाई है।
बैंकर्स कमेटी की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में अभी तक 35,775 लोगों ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत आवेदन किया था। इनमें से 18,700 लोगों का आवेदन स्वीकृत हो गया है, मगर महज 7682 लोगों को ही 10-10 हजार रुपये की राशि जारी की गई है। बाकी 11 से अधिक आवेदकों को अब भी राशि का इंतजार है। बाकी 17,075 लोगों का आवेदन बैंकों के पास लंबित पड़ा है।
वेंडिंग लाइसेंस ने फंसाया पेच
बैंकों ने 17 हजार से अधिक आवेदनों के लंबित होने पर सफाई दी है। बैंकों की तरफ से बताया गया है कि ऑनलाइन आवेदन करने वाले अधिसंख्य वेंडरों ने वेंडिंग लाइसेंस अपलोड नहीं किया है। कुछ आवेदकों ने लेटर ऑफ रेकमेंडेशन (एलओआर) भी नहीं उपलब्ध कराया है। इतना ही नहीं, बैंकों का तर्क है कि कई आवेदक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने वेंडिंग लोकेशन से 30-30 किलोमीटर दूर की शाखा को चुना है। इस कारण भी स्वनिधि योजना के मामले पेंडिंग हैं। कुछ आवेदक ऐसे भी हैं, जिन्होंने आवेदन तो दे दिया मगर खुद काम करने के लिए राज्य से बाहर चले गए हैं।
उत्तर प्रदेश में चार लाख को लोन, बना नंबर वन राज्य
एक तरफ बिहार में 20 हजार लोगों को भी अब तक ऋण नहीं मिल पाया है, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में चार लाख से अधिक आवेदकों का ऋण स्वीकृत हो चुका है। उत्तर प्रदेश में 6.53 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स ने कर्ज के लिए आवेदन किया है। पीएम स्वनिधि योजना का लाभ स्ट्रीट वेंडर्स तक पहुंचाने में उत्तर प्रदेश नंबर वन राज्य बन गया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी सराहना की है।
एक जून को लॉन्च हुई थी योजना
इसी साल एक जून को पीएम स्वनिधि योजना लॉन्च की गई थी। कोरोना के बाद रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए योजना लाई गई थी। एक जुलाई से आवेदन मिलने लगे थे। आत्मनिर्भर भारत के अभियान के तहत इसमें स्ट्रीट वेंडर्स को बिना गारंटी के 10 हजार रुपये का ऋण बैंकों को मुहैया कराना था। इसके लिए स्ट्रीट वेंडर्स को पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
उपमुख्यमंत्री ने भी जताई चिंता, कहा-तेजी लाएं
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में बिहार के खराब प्रदर्शन पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भी चिंता जताई है। उन्होंने बताया कि बैंकों को हर हाल में इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले दिनों स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री की इस योजना को बैंक गंभीरता से लें।