Bihar Assembly Elections 2020: खत्म हुई चुनाव की दुविधा तो सक्रिय हो गए सभी दल
बिहार में विधानसभा चुनाव के समय पर होने की घोषणा से राज्य के उन दलों को भी सक्रिय कर दिया है जो अब तक कोरोना के बहाने चुनाव टालने की मांग कर रहे थे।
पटना, जेएनएन। बिहार विधानसभा चुनाव समय पर होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की इस घोषणा ने राज्य के उन दलों को भी सक्रिय कर दिया है, जो अब तक कोरोना के बहाने चुनाव टालने की मांग कर रहे थे। सत्तारूढ़ जदयू-भाजपा का गठबंधन शुरू से ही चुनाव की तैयारी में जुटा है। इधर राजद की सक्रियता भी बढ़ गई है। जदयू की चार टीमें वर्चुअल सम्मेलन कर रही हैं। एक टीम कम से कम पांच-छह विधानसभा क्षेत्रों का सम्मेलन करती है। सम्मेलन समाप्त होगा तो मुख्यमंत्री व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार वर्चुअल ही संबोधित करेंगे।
अभी सर्वाधिक सक्रिय राजद ही
शुरू में चुनाव का विरोध करने वाला राजद अब सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आ रहा है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लॉकडाउन के बावजूद बाढ़ प्रभावितों का हाल लेने के लिए मौके पर जाने लगे हैं। 26 जुलाई को सभी जिलाध्यक्षों, सचिवों और प्रधान महासचिवों की बैठक बुलाई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तेजस्वी सभी जिलों की तैयारियों की बारी-बारी से समीक्षा करेंगे। बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक चरणवार कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने की तैयारी थी, जिसे अभी लॉकडाउन के मद्देनजर टाल दिया गया है, लेकिन लॉकडाउन के खत्म होते ही कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा। राजद ने अन्य दलों की तुलना में सबसे ज्यादा, करीब 60 हजार, बूथ समितियों का गठन कर लिया है। वाट्स-एप और दूसरे संचार माध्यमों के जरिए समितियों का गठन किया जा रहा है। प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने युवा राजद से 25 जुलाई तक तैयारियों की रिपोर्ट मांगी है। प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि राजद ने प्रदेश की सभी आठ हजार से अधिक पंचायतों में संगठन खड़ा कर लिया है।
भाजपा तो पहले से ही जुटी है
भाजपा पहले विधानसभावार वर्चुअल रैली और फिर क्षेत्रीय बैठक के जरिए चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। क्षेत्रीय बैठकों के माध्यम से प्रदेश, जिला, मंडल से लेकर बूथ स्तरीय नेताओं-कार्यकर्ताओं को चुनाव की तैयारियों में जुटने के निर्देश दिए गए हैं। विधायक, पूर्व विधायक से लेकर भावी प्रत्याशियों को बूथ स्तर पर चुनाव की तैयारी में जुटने का संदेश पार्टी पहले ही दे चुकी है। बूथ स्तर पर बूथ अध्यक्ष के साथ सप्तर्षियों की टीम में बूथ अध्यक्ष, युवा, दलित, पिछड़े, अति पिछड़े वर्ग के अलावा महिला समाज के एक-एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। सप्तर्षियों के जरिए भाजपा सर्व समाज का वोट सुनिश्चित करने में जुटी है।
कांग्रेस की तैयारी कुछ ठंडी-सी
कांग्रेस की चुनावी तैयारियां करीब-करीब ठंडी पड़ गई हैं। सात से नौ जुलाई को पार्टी ने बिहार प्रभारी व राज्यसभा के सदस्य शक्ति सिंह गोहिल की मौजूदगी में चुनाव मैदान में उतरने के पूर्व जिलों और प्रखंडों में प्रभारी भेज कांग्रेस की जमीनी हकीकत की पड़ताल का फैसला किया था। पार्टी जमीनी हकीकत के साथ ही स्थानीय मुद्दों पर भी स्थानीय नेताओं से बात करने की तैयारी में थी। प्रभारियों को 15 जुलाई से जिलों में जाना था, लेकिन इस बीच सरकार ने 16 जुलाई से पूरे राज्य में लॉकडाउन कर दिया। लॉकडाउन होते ही पार्टी की तमाम तैयारियां ठंडे बस्ते में पहुंच गईं। फिलहाल ऑनलाइन सदस्यता अभियान की प्रक्रिया चल रही है।