Bihar Assembly Election: जेपी नड्डा से बोले बिहार के BJP MP, पार्टी को चाहिए सम्मानजनक सीटें
Bihar Assembly Election बिहार भाजपा के सांसदाें ने जेपी नड्डा से परंपरागत सीटों पर समझौता नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly Election: कोरोना काल में वर्चुअल रैली से विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंकने वाली भाजपा अब जनता के बीच शारीरिक उपस्थिति दर्ज कराएगी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के सभी सांसदों की बैठक कर पांच बिंदुओं पर जनता के बीच जाकर काम करने का टास्क दिया है। इस दौरान सांसदों ने भी नड्डा के समक्ष अपनी-अपनी बातें रखीं हैं। सांसदों ने नेतृत्व के समक्ष बिहार में सम्मानजनक सीटों से कम पर गठबंधन में समझौता नहीं करने की आवाज बुलंद की। यहीं नहीं, उन्होंने गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तमाम तर्क भी दिए। पार्टी और संगठन को लगातार हो रहे नुकसान की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। खासकर भाजपा की परंपरागत सीटों पर राजद एवं अन्य दलों के विधायकों को जदयू में शामिल कराने पर आपत्ति जताई।
शनिवार को बिहार भाजपा के सांसदाें ने नेतृत्व से पार्टी की परंपरागत सीटों पर कतई समझौता नहीं करने का अनुरोध किया गया। कहा कि इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है। सांसदों ने अपने-अपने क्षेत्र की विधानसभा सीटों का उदाहरण देकर दुश्वारियों से राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराया।
60-60 पंचायतों में बैठक करेंगे सांसद
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी के सभी सांसदों को कम से कम 60-60 पंचायतों में बैठकें कर एक महीने के अंदर रिपोर्ट मांगी है। पार्टी की जिला कोर कमेटी से लेकर मंडल स्तर पर बैठक करने का भी टास्क दिया है। अहम यह कि सांसदों को अपने-अपने संसदीय क्षेत्र से बाहर की पंचायतों में बैठक करनी होगी। प्रदेश नेतृत्व को पंचायतों की सूची देने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें मुख्य रूप से उनके सामने सामाजिक समीकरण को साधने की चुनौती होगी। एक सांसद को 60 पंचायतों में कम से कम सौ बुद्धिजीवियों से मिलना होगा। चुनाव के संबंध में रणनीति बनाने के लिए जिलाध्यक्षों के साथ बैठक करनी होगी। 17 सितंबर को नरेंद्र मोदी का जन्मदिन किसी शक्ति केंद्र पर मनाने, 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती किसी मंडल में मनाने, 27 सितंबर को प्रधानमंत्री की मन की बात, बूथ पर जाकर सुनने और दो अक्टूबर को गांधी जयंती किसी बूथ पर मनाने का निर्देश दिया। सांसद अपने जिले में पार्टी के सभी पदाधिकारियों से मिलेंगे। विधानसभा चुनाव में सभी सीट पर राजग के प्रत्याशी की जीत हो यह जिम्मेदारी सांसदों को दी गई है।
आधा दर्जन सांसद रहे मुखर
छह सांसदों ने पार्टी के पिछले सात-आठ वर्षों में मजबूत हुए जनाधार का नेतृत्व के समक्ष विस्तार से जिक्र किया। गोपाल नारायण सिंह, रमा देवी, राधा मोहन सिंह, सुशील सिंह, रामकृपाल यादव एवं छेदी पासवान सर्वाधिक मुखर थे। रमा देवी और गोपाल नारायण सिंह ने प्रदेश सरकार में पार्टी विधायकों, सांसदों और कार्यकर्ताओं की नहीं सुनने का मामला प्रमुखता से उठाया। भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों को छोड़कर सभी सांसद बैठक में मौजूद थे। राज्यसभा में सांसद सतीश दुबे, गोपाल नारायण सिंह, विवेक ठाकुर के साथ भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ उपस्थित थे।