Bihar Assembly Election 2020: टूट से नाराज RJD, JDU ने कसा तंज, कांग्रेस ने कहा-गलत बात
Bihar Assembly Election 2020 राजद को दोहरा झटका लगा है जिसके बाद उसने जदयू पर आरोप लगाए जिसपर जदयू ने तंज कसा है तो वहीं कांग्रेस ने जदयू को करारा जवाब दिया है।
पटना, जेएनएन। विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में राजनीतिक उठापटक शुरू हो चुकी है। मंगलवार को राजद को दोहरा झटका लगा है, जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुश्किलें इस चुनाव में बढ़ने वाली हैं। राजद में हुई टूट के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने टूट का आरोप जदयू पर लगाया है और इसके लिए सीएम नीतीश कुमार को इसका जिम्मेदार माना है तो उनके इन आरोपों पर जदयू के सांसद ललन सिंह ने राजद पर तंज कसा है और कहा है कि जहां टिकट बिकता है, वहां नेता ऐसी बात कर रहे हैं।
जदयू नेताओं ने कसा तंज
ललन सिंह ने कहा कि जो लोग सीएम नीतीश पर एेसे आरोप लगा रहे हैं कि उनसे कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश ईमानदार नेताओं में से एक हैं और धनबल की बात राजद में होती है, यहां नहीं। राजनीति में भक्त और भांट जैसे लोग तो रहते ही हैं।
वहीं, महागठबंधन की बैठक पर ललन सिंह ने कहा कि महागठबंधन के लोग मेंढ़क हैं और मेंढ़कों को कभी एक ही तराजू में नहीं तौला जाता है। इनलोगों की हालत लोकसभा जैसी ही विधानसभा में भी होगी।
जेडीयू नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सब काम करना चाहते हैं। आगे क्या होगा, कहां टूट होगी? ये तो भविष्य ही बताएगा।
जगदानंद ने कहा था-नीतीश ने अंधेरे में डाला है डाका
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दूसरे दलों से बटोर-बटोर कर पार्टी बनाई है। राजद में टूट पर जगदानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अंधेरे में डाका डाल रहे हैं। लॉलीपॉप के लालच में इक्के-दुक्के नेताओं के चले जाने से राजद की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
राजद के विधान पार्षदों के पाला बदलने की खबर पर जगदानंद ने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार की यह आखिरी पारी है। विधानसभा का अगला चुनाव नहीं जीतेंगे। इसी चुनाव में उनकी विदाई होने वाली है। अब दलबदल का खेल बहुत हो गया।
कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा- विपक्षी दलों को तोडऩा अनैतिक
कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र में सत्ता पक्ष द्वारा विपक्ष को कमजोर करने के उद्देश्य से उसके विधायकों-सांसदों को तोडऩा अनैतिक और अलोकतांत्रिक आचरण है।
राजद के पांच विधान पार्षदों को जदयू में शामिल कराने को अनुचित बताते हुए मिश्रा ने कहा कि सत्ता पक्ष की ऐसी करतूत लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं। लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए मजबूत विपक्ष का होना जरूरी है लेकिन भाजपा जदयू जैसी पार्टी देश मे लोकतंत्र को कमजोर करने पर आमादा हो गयी हैं।