बिहार चुनावः तीसरे चरण में स्पीकर समेत 12 मंत्रियों की परीक्षा, आखिरी दौर में कुल 1208 प्रत्याशी मैदान में
तीसरे चरण में विधानसभा की 78 सीटों के लिए सात नवंबर को मतदान होगा। नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुल 1208 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। इस दौर में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी समेत राज्य सरकार के 12 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी।
पटना, जेएनएन। तीसरे चरण में विधानसभा की 78 सीटों के लिए सात नवंबर को मतदान होगा। नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुल 1208 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं। इस दौर में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी समेत राज्य सरकार के 12 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर होगी। इसके अलावा अब्दुल बारी सिद्दीकी, रमई राम, लवली आनंद, वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी समेत कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला भी होना है। सबसे अधिक प्रतिष्ठा वाली सीटें सरायरंजन एवं सुपौल हैं। सरायरंजन में जदयू के टिकट पर स्पीकर विजय कुमार चौधरी हैं तो सुपौल में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव। बिजेंद्र सात बार से लगातार जीत रहे हैं। विजय का मुकाबला राजद के अरविंद सहनी से है। बिजेंद्र के सामने कांग्रेस ने मिनातुल्लाह रहमानी पर दांव लगाया है।
यहां होगी भिड़ंत
आलमनगर में लघु जल संसाधन मंत्री नरेंद्र नारायण यादव और राजद के नवीन निषाद में भिड़ंत है। बहादुरपुर में जदयू नेता एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री मदन सहनी की राह में राजद के रमेश चौरसिया खड़े हैं। मुजफ्फरपुर से भाजपा नेता एवं नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा के सामने कांग्रेस ने बिजेंद्र चौधरी को उतार दिया है। कल्याणपुर में जदयू नेता एवं उद्योग मंत्री महेश्वर हजारी के मुकाबले माले ने रंजीत राम को आगे किया है। सिकटा में जदयू नेता एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद आलम और माले के वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता में आरपार की लड़ाई है। मोतिहारी में भाजपा नेता एवं कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार के सामने राजद के ओमप्रकाश चौधरी हैं।
यहां कड़े मुकाबले के आसार
बेनीपट्टी में भाजपा नेता एवं लोकस्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा और कांग्रेस की भावना झा के बीच मुकाबला है। लौकहा में आपदा प्रबंधन मंत्री एवं जदयू नेता लक्ष्मेश्वर राय और राजद के भारत भूषण मंडल में लड़ाई है। लोजपा से भाजपा के बागी प्रमोद प्रियदर्शी भी चुनौती दे रहे हैं। बनमनखी से भाजपा नेता एवं पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि के सामने राजद ने उपेंद्र शर्मा को उतारा है। रूपौली में जदयू नेता एवं गन्ना विकास मंत्री बीमा भारती की लड़ाई भाकपा के विकास चंद्र मंडल से है।
सिद्दीकी-रमई समेत अन्य दिग्गज भी मैदान में
मंत्रियों की सीटों के अलावा मधेपुरा की लड़ाई भी कम दिलचस्प नहीं होगी। राजद ने वहां पूर्व मंत्री चंद्रशेखर पर फिर दांव लगाया है, जिनकी टक्कर बीपी मंडल के पोते एवं जदयू नेता निखिल मंडल से है। बिहारीगंज क्षेत्र पर पूरे देश की नजर इसलिए रहेगी कि यहां से कांग्रेस के सिंबल पर शरद यादव की बेटी सुभाषिणी यादव मैदान में हैं। इनके सामने जदयू के निरंजन मेहता हैं। मोरवा में राजद के रणविजय साहू और परिहार में रितु जायसवाल पर भी सबकी नजर होगी। रितु के खिलाफ भाजपा ने गायत्री देवी को टिकट थमाया है। रणविजय के सामने जदयू के विद्यासागर निषाद हैं। बोचहां में रमई राम का सामना वीआइपी के मुसाफिर पासवान से है। सहरसा में राजद ने लवली आनंद को आजमाया है, जिनके खिलाफ भाजपा के आलोक रंजन झा हैं। सिमरी बख्तियारपुर में वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी की टक्कर लोजपा सांसद महबूब अली कैसर के पुत्र युसूफ सलाहउद्दीन से है। युसूफ को राजद ने प्रत्याशी बनाया है। हरलाखी में भाकपा से तीन बार के विधायक रामनरेश पांडेय हैं, जिनके सामने जदयू ने सुधांशु शेखर को आगे किया है। केवटी में राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी और भाजपा के मुरारी मोहन झा से टक्कर है।
ओवैसी की पार्टी की किशनगंज में होगी परीक्षा
ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम वैसे तो बिहार में कई सीटों पर लड़ रही है, लेकिन उसकी असली परीक्षा किशनगंज में होनी है, जहां उपचुनाव में उसने खाता खोला है। यहां से कांग्रेस ने इजारुल हुसैन और भाजपा ने स्वीटी सिंह को उतारा है। मंत्री विनोद सिंह के निधन के बाद भाजपा ने प्राणपुर से उनकी पत्नी निशा सिंह को प्रत्याशी बनाया है। यहां कांग्रेस के तौकीर आलम हैं। हायाघाट में राजद के भोला यादव, रामनगर में कांग्रेस के राजेश राम, बाबूबरही में जदयू की मीना कामत, छातापुर में भाजपा के नीरज बब्लू पर भी सबकी नजर रहेगी। गायघाट से जदयू के महेश्वर प्रसाद यादव भी फोकस में रहेंगे। पिछला चुनाव राजद से जीता था। उन्हें नीतीश कुमार के प्रशंसक के रूप में जाना जाता है।