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बिहार के 8462 पैक्‍स बनेंगे 'मिनी बैंक', कोर बैंकिंग की मिलेगी सुविधा; माइक्रो एटीएम से निकाल सकेंगे रुपए

Bihar PACS News बिहार के गांवों में कार्यरत 8462 स्थित सहकारिता विभाग की प्रारंभिक सहकारी समितियां (पैक्स) अब बैंक की तर्ज पर किसानों को सुविधा देंगी। सभी पैक्‍स को कोर बैंकिंग सेवा से जोड़ा जाएगा। इसके बाद यहां माइक्रो एटीएम सिस्‍टम की शुरुआत हो सकेगी।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 01:57 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 01:57 PM (IST)
Bihar PACS: बिहार में पैक्‍सों को मिनी बैंक के तर्ज पर विकसित करने की योजना। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, दीनानाथ साहनी। बिहार के गांवों में कार्यरत 8462 स्थित सहकारिता विभाग की प्रारंभिक सहकारी समितियां (पैक्स) अब बैंक की तर्ज पर किसानों को सुविधा देंगी। सभी पैक्‍स को कोर बैंकिंग सेवा से जोड़ा जाएगा। इसके बाद यहां माइक्रो एटीएम सिस्‍टम की शुरुआत हो सकेगी। राज्य के सभी पैक्स कोर बैंकिंग सर्विस से जुड़ेंगे। शुरुआत चालू वित्तीय वर्ष से पहले चरण में 294 पैक्सों को कोर बैंकिंग सर्विस से जोड़कर की जाएगी। इसके लिए सहकारिता विभाग द्वारा प्रति पैक्स तीन लाख 40 हजार रुपये का आवंटन किया गया है जो कंप्यूटरीकरण और फिर सहकारी बैंकों से कोर बैकिंग सोलुशन साफ्टवेयर के साथ एकीकृत किया जाएगा। इससे पैक्सों के साथ-साथ किसानों को कई सुविधाएं होंगी।

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मिलेगा बैकिंग सुविधा का लाभ

पैक्सों को कोर बैकिंग सर्विस से जोडऩे के लिए राज्य सरकार ने जो कदम उठाया है। इससे माइक्रो एटीएम सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा। इसका लाभ सीधे उन किसानों को मिलेगा जो पैक्सों से जुड़े हैं। सहकारिता विभाग के मुताबिक डेबिट कार्ड स्वैपिंग, आधार आधारित और बायोमैट्रिक प्रणाली से इस एटीएम से ग्रामीण अपने खाते से धनराशि निकाल सकेंगे। इस एटीएम से ग्रामीण सहकारी बैंकों के साथ ही अन्य राष्ट्रीय और निजी क्षेत्र के डेबिड कार्ड से धनराशि निकाली जा सकेंगी।

कोर सर्विस बैंकिंग सर्विस के लिए सभी पैक्सों में ट्रेनिंग की व्यवस्था होगी। पैक्स पर माइक्रो एटीएम को संचालित करने की जिम्मेदारी निभाने वाले बिजनेस प्रतिनिधियों को जल्द प्रशिक्षित किया जाएगा। जिला सहकारी बैंक के खाताधारक माइक्रो एटीएम का संचालन करने वाले बिजनेस प्रतिनिधि के माध्यम से धनराशि अपने खाते में जमा भी करा सकेंगे।

अगले वित्त वर्ष में 2391 पैक्स होंगे कंप्यूटरीकृत

अगले वित्तीय वर्ष में 2391 पैक्स पर कंप्यूटर लगा दिए जाएंगे। तीन साल में सभी पैक्स कंप्यूटरीकृत कर दिए जाएंगे। करीब 58.81 करोड़ रुपये खर्च होंगे। साथ ही पैक्स सहकारी बैंकों के एक्सटेंशन के रूप में काम करेगा। पैक्सों के माध्यम से फिलहाल सालाना 10 लाख रुपये माइक्रो एटीएम के माध्यम से निकासी होने का लक्ष्य रखा गया है। ग्रामीण जैसे-जैसे इस सुविधा से जुड़ते जाएंगे, यह लक्ष्य बढ़ा दिया जाएगा।

सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयषी ने कहा कि सभी पैक्सों का कंप्यूटरीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 294 पैक्सों का कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। नाबार्ड और राज्य सरकार द्वारा 50:50 की सहभागिता के आधार पर  पैक्सों का कंप्यूटरीकरण और फिर जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों और फिर बिहार स्टेट कोआपरेटिव बैंक के कोर बैंकिंग सर्विस साफ्टवेयर के साथ एकीकृत किया जाएगा।


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