बिहार की 56 हजार पीडीएस दुकानों का होगा सोशल ऑडिट, राशन व्यवस्था पर बदलाव पर होगी नजर
बिहार में जन वितरण प्रणाली की करीब 56 हजार दुकानों का सोशल आडिट कराने की तैयारी है। जानने का प्रयास होगा कि खाद्यान्न सुरक्षा कानून के तहत एक करोड़ 74 लाख परिवारों के लिए राशन व्यवस्था में बदलाव व सुधार की दिशा में और क्या किया जा सकता है।
राज्य ब्यूरो, पटना : बिहार में जन वितरण प्रणाली की करीब 56 हजार दुकानों का सोशल आडिट कराने की तैयारी है। जानने का प्रयास होगा कि खाद्यान्न सुरक्षा कानून के तहत एक करोड़ 74 लाख परिवारों के लिए राशन व्यवस्था में बदलाव व सुधार की दिशा में और क्या किया जा सकता है। कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद सोशल आडिट पर काम शुरू होगा। इसमें पंचायत स्तर पर सहभागिता होगी। इसके लिए जल्द ही एजेंसी का चयन किया जाएगा। देखा जाएगा कि सामाजिक/ आर्थिक रूप से वंचित तबकों की इसमें सम्मानजनक सहभागिता है या नहीं। सोशल आडिट में 30 पारामीटर तय किए गए हैं जिस पर काम होगा।
खाद्य सुरक्षा योजना के क्रियान्वयन का भी होगा आकलन
अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में पहली बार जन वितरण प्रणाली का सोशल आडिट कराने का निर्णय लिया गया है। इससे समुदाय यह जान सकेगा कि खाद्य सुरक्षा योजना या कानून के मुताबिक उन्हें जो हक दिए जाने थे, वे दिए गए या नहीं और जिसकी, जो जिम्मेदारी थी, उसका सही ढंग से निर्वहन किया गया या नहीं। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं व किशोरियों को दिए जाने वाले पोषाहार का भी सोशल आडिट में शामिल किया जाएगा। इसमें ग्रामसभा, वार्ड सभा व जीविका को भी जोड़ा जाएगा ताकि सामाजिक अंकेक्षण कोलोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाई जा सके।
कुछ महत्वपूर्ण पारामीटर, जिस पर होगा फोकस
* पीडीएस दुकानों में अनाज योजना के क्रियान्वयन व लाभुकों की सहभागिता की स्थिति
* अनाज वितरण की मौजूदा व्यवस्था कितना कारगर
* सामाजिक/ आॢथक रूप से वंचित तबकों की अनाज योजना में भागीदारी की वास्तविक स्थिति
* बेघर, खानाबदोश एवं घुमंतू समुदायों, दिव्यांगों, एससी-एसटी के तबकों को पूरा लाभ मिल रहा या नहीं
* जन वितरण प्रणाली संबंधी शिकायतें और उसके निवारण पर फीडबक लेना
* आडिट में अनाज भंडारण की व्यवस्था, राशन कार्डधारियों की सूची, सतर्कता समितियों द्वारा किए गए कार्य व शिकायत निवारण अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही आदि को भी शामिल किया जाएगा