बिहार: किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: एक क्लिक और खाते में आएगा कैश, जानिए
देश में पहली बार बिहार के सीएम नीतीश आज अग्रिम अनुदान योजना की विधिवत शुरूआत करेंगे। एक क्लिक पर योजना के तहत 20 हजार चयनित किसानों के खाते में तुरंत छह-छह हजार रुपये चले जाएंगे।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार के किसानों के लिए पांच मई की तारीख ऐतिहासिक साबित होने जा रही है। प्रत्येक भारतीय की थाली में कम से कम एक बिहारी व्यंजन पहुंचाने के मकसद से जैविक सब्जियों की खेती के लिए अग्रिम अनुदान योजना की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को विधिवत शुरुआत करेंगे।
मुख्यमंत्री के एक क्लिक पर योजना के तहत सभी 20 हजार चयनित किसानों के खाते में तुरंत छह-छह हजार रुपये चले जाएंगे। इसका मैसेज भी मोबाइल पर तत्काल आ जाएगा।इस राशि से वे जैविक खाद, बीज एवं खेती के लिए जरूरी अन्य चीजें खरीद सकेंगे। देश में ऐसा प्रयोग पहली बार बिहार में होने जा रहा है कि खेती से पहले ही अनुदान राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
तीसरे कृषि रोडमैप के तहत पहल की जा रही है कि किसानों के खाते में एक निश्चित रकम खेती के पहले ही डाल दी जाए, ताकि उन्हें आर्थिक परेशानी न हो। अनुदान की अन्य औपचारिकता बाद में पूरी की जाएगी। अभी इनपुट अनुदान जैविक सब्जी की खेती करने वाले किसानों को ही मिलेगा, लेकिन बाद में विस्तार की भी योजना है।
पटना के ज्ञान भवन में प्रस्तावित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रदेश के चार जिलों के करीब साढ़े पांच हजार किसानों को बुलाया गया है। किसान महासमागम में मुख्यमंत्री योजना की विधिवत शुरुआत के साथ-साथ डेमो का निरीक्षण भी करेंगे।
प्रारंभिक तौर पर इस योजना को चार जिले में शुरू किया जा रहा है। फिर पूरे बिहार को कवर किया जाएगा। अग्र्रिम इनपुट सब्सिडी के लिए चौथाई एकड़ की बाध्यता को खत्म करके ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोडऩे की कोशिश की गई है।
अब 30 डिसमिल से भी कम रकबे पर औसत रूप से अग्र्रिम सब्सिडी का लाभ मिल सकेगा। इस योजना को व्यापक बनाने के लिए कृषि विभाग ने न्यूनतम रकबा की सीमा को खत्म कर दिया है। वैसे किसानों को भी इस योजना का लाभ मिल सकेगा जो पांच डिसमिल में भी सब्जी की खेती करेंगे। उन्हें औसत रूप से एक हजार रुपये का अग्र्रिम भुगतान किया जाएगा।
30 जून तक करनी होगी खरीदारी
लाभान्वित किसानों को इसी साल 30 जून के पहले तक सब्जी खेती के लिए जरूरी उपादानों की खरीदारी कर लेनी होगी। तय समय तक अनुदान की राशि का उपयोग नहीं हुआ तो वह विभाग के खाते में आ जाएगी। किसान समागम के दौरान सभी चयनित जिलों के एक-एक उपादान केंद्र भी रहेंगे।
सीएम के सामने ही कुछ किसानों को डेमो करके दिखाया जाएगा। सामान खरीदते ही उनके खाते से पैसे कटने का मैसेज आएगा।