बिहार के नालंदा में बड़ा मामला, प्रसूता को चढ़ा दिया HIV संक्रमित का खून, सदर अस्पताल की घटना
नालंदा के सदर अस्पताल में प्रसव कराने आई महिला को HIV संक्रमित का खून चढ़ा दिया गया। तीन नवंबर को एचआइवी संक्रमित का खून स्टोर किया गया था ब्लड बैंक में। एक प्रसूता को यही रक्त 13 नवंबर को दे दिया गया।
बिहारशरीफ, जागरण संवाददाता। सदर अस्पताल में 13 दिन पहले एक प्रसूता महिला को एचआइवी संक्रमित व्यक्ति का रक्त (HIV Infected Blood) चढ़ा दिया गया। मामला सामने आने के बाद सनसनी फैल गई। अब दोष एक - दूसरे पर मढ़ने का खेल चल रहा है। अस्पताल उपाधीक्षक ने माना है कि यह गंभीर मामला है। किसी मरीज की जान से खिलवाड़ किया गया है। इस मामले में ब्लड बैंक प्रभारी को शोकॉज किया गया है।
एचआइवी पीड़ित महिला ने छिपाई संक्रमित होने की बात
सदर अस्पताल की आइसीटीसी की प्रभारी रीता कुमारी ने कहा कि सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त जमा करने से पहले जांच की गई थी। परंतु प्राथमिक जांच में एचआइवी संक्रमण का पता नहीं चल सका। क्योंकि रक्त देने वाला व्यक्ति एचआइवी की दवा एवीआर ले रहा था। अगर रक्त की कंफरमेटरी जांच की गई होती तो ऐसी चूक नहीं होती। मामला यह है कि बीते तीन नवंबर को एक एचआइवी पीड़िता की सदर अस्पताल में डिलेवरी हुई थी। उसे रक्त की जरूरत पड़ी तो संक्रमित पति ने एक यूनिट रक्त ब्लड बैंक में जमा कर दिया, उसके बदले दूसरा रक्त प्रसूता को चढ़ा दिया गया। दंपती ने खुद के एचआइवी संक्रमित होने की बात छुपा ली थी। बात आई गई हो गई।
बिना जांच किए चढ़ा दिया संक्रमित रक्त
इसी बीच 13 नवंबर को एक अन्य प्रसूता को रक्त की आवश्यकता पड़ी। ब्लड बैंक वाले ने बिना तीन तरह की जांच किए वही ब्लड उस महिला को चढ़ा दिया जो उस संक्रिमत व्यक्ति ने डोनेट किया था। यह बात दबी रही। इसी बीच 24 नवंबर को एचआवी पीड़ित वही महिला सदर अस्पताल में दवा लेने आई, जिसका प्रसव तीन नवंबर को सदर अस्पताल में हुआ था। यहां काउंसलर का माथा ठनका। उसने महिला के पति के रक्त के बारे में पता किया तो ब्लड बैंक से बताया गया कि वह रक्त किसी अन्य प्रसूता को चढ़ा दिया गया है। डीएस डॉ सुजीत कुमार अकेला ने कहा कि यह गंभीर चूक का मामला है। मरीज की जान से खिलवाड़ हुआ है। ब्लड बैंक के प्रभारी से शो काज किया गया है। कड़ी कार्रवाई होगी।