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बिहार टॉपर घोटाला का मास्टरमाइंड है यह बच्चा, अब करोड़ों की बेनामी संपत्ति होगी जब्त

बिहार टॉपर्स घोटाले के मुख्य अभियुक्त बच्चा राय की मुश्किलें बढ़तीं जा रहीं हैं। ईडी ने उसकी 4.53 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है। अब उसकी करोड़ों की बेनामी संपत्ति पर नजर है।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 02 Apr 2018 12:43 PM (IST)Updated: Mon, 02 Apr 2018 11:15 PM (IST)
बिहार टॉपर घोटाला का मास्टरमाइंड है यह बच्चा, अब करोड़ों की बेनामी संपत्ति होगी जब्त
बिहार टॉपर घोटाला का मास्टरमाइंड है यह बच्चा, अब करोड़ों की बेनामी संपत्ति होगी जब्त

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार टॉपर्स घोटाले के मुख्य अभियुक्त बच्चा राय उर्फ अमित कुमार की 4.53 करोड़ की चल एवं अचल संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जब्त कर ली है। अब उसकी करोड़ों की बेनामी संपत्ति पर नजर है। पिछले डेढ़ वर्षों से बच्चा राय एवं उसके परिजन की काली कमाई की जांच कर रही ईडी टीम को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे काली कमाई का रहस्योद्घाटन हुआ है।

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दिल्ली, नोएडा और ओडिशा में भी करोड़ों की संपत्ति

बच्चा राय अभी जेल में बंद है।  बच्चा ने न केवल वैशाली और पटना में जमीन-जायदाद बनाई है, बल्कि दिल्ली, नोएडा और ओडिशा में भी करोड़ों की संपत्ति खरीद रखी है। नोएडा में बच्चा राय ने एक करोड़ से भी अधिक का निवेश रियल इस्टेट में कर रïखा है। साथ ही उसने वहां एक फ्लैट खरीदने के लिए 50 लाख रुपये का भुगतान भी किया है। उसने पिता और भाई के नाम पर भी करोड़ों का निवेश किया है।

ईडी की टीम ने फिलहाल केवल बच्चा राय, उसकी पत्नी संगीता राय और बेटी शालिनी के नाम पर अर्जित संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई पूरी की है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि बच्चा राय की 4.53 करोड़ की जो संपत्ति एजेंसी ने जब्त की है, वह तो इस संपत्ति की कागजी कीमत भर है। इसका वास्तविक मूल्य इससे चार गुना अधिक है।

बेटी शालिनी राय के लिए भी किया था फर्जीवाड़ा

ईडी की जांच में कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जिससे साबित होता है कि वर्ष 2016 में इंटर की परीक्षा में रुबी राय को टॉप कराने वाले बच्चा राय ने अपनी बेटी को भी इसी तरह वर्ष 2015 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित मैट्रिक की परीक्षा में टॉप कराया था।

दस्तावेज बताते हैं कि शालिनी राय वर्ष 2014 के अक्टूबर माह में हाजीपुर के सेंट पॉल स्कूल में सीबीएसई के माध्यम से बतौर नियमित छात्रा के रूप में पढ़ाई कर रही थी। ऐसे में वर्ष 2015 की परीक्षा उसने बिहार बोर्ड के माध्यम से दिया और उसमें टॉप कर गई। ईडी इस संबंध में भी टॉपर घोटाले की जांच कर रही एसआइटी से भी संपर्क करेगा।


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