Patna News: जेब में वाई-फाई वाला क्रेडिट कार्ड है तो हो जाएं सावधान, लड़कियों को गैंग में शामिल कर ऐसे हो रहा बड़ा खेल
Patna Crime News पटना में एक ऐसे गैंग एक्टिव है जो जेब में वाई-फाई वाला क्रेडिट कार्ट लेकर चलने वालों को निशाना बनाता है। इस गैंग में लड़कियां भी शामिल हैं। भीड़ भाड़ वाले इलाके में ये बड़े शातिराना अंजाद में ये ठगी करते हैं।
जागरण संवाददाता, पटना। यदि आप वाई-फाई युक्त क्रेडिट कार्ड का उपभोग करते हैं तो सचेत रहें। आपकी जरा सी लापरवाही जेब पर भारी पर सकती है। कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जेब में वाई-फाई युक्त क्रेडिट कार्ड रहते हुए भी अपने खाते में आनलाइन रकम ट्रांसफर कर लेते हैं। गिरोह के चार सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। उनकी पहचान राजीव रंजन कुमार, उज्ज्वल राज, अभिमन्यु कुमार और राजवीर राज के रूप में हुई है। सभी गया जिले के टनकुप्पा थाना क्षेत्र के अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं। ये अपने गिरोह में लड़कियों को भी रखते हैं।
उनके पास से पे-टीएम कंपनी की तीन पाश मशीनें, चार स्मार्ट फोन, दो बाइक और डेबिट कार्ड बरामद हुए हैं। थानाध्यक्ष संजीत कुमार सिंह ने बताया कि वे बाइक से गया जिले से पटना आते हैं। उनके बैंक अकाउंट समेत अन्य जानकारियां हासिल की जा रही हैं।
पुलिसकर्मी के कार्ड से निकाले 21 हजार
दरअसल, 12 जुलाई को चार पुलिसकर्मी सादे लिबास में महावीर मंदिर में पूजा करने आए थे। इस दौरान एक पुलिसकर्मी के खाते से तीन बार में 21 हजार रुपये निकल गए। इसकी जानकारी होने पर उन्होंने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। महावीर मंदिर सिक्योरिटी एजेंसी की सहायता से परिसर में लगे 84 कैमरों का अवलोकन किया गया तो मालूम हुआ कि नैवेद्यम काउंटर के पास दो लड़के उसी पुलिसकर्मी के पीछे खड़े थे। वे उनके पीछे मंदिर के चारों तरफ घूमे थे। तकनीकी जांच से पता चला कि पहली बार में नैवेद्यम काउंटर के पास सात हजार रुपयों की निकासी हुई। दूसरी बार हनुमानजी के दर्शन के दौरान और तीसरी बार जब वे पीछे दीवार में सटकर प्रणाम कर रहे थे।
गैंग में लड़कियां भी हैं शामिल
कैमरों की सूक्ष्म निगरानी से मालूम हुआ कि दोनों शातिर मंगलवार और शनिवार को ही महावीर मंदिर आते हैं, क्योंकि उस दिन काफी भीड़ रहती है। दो अगस्त को दोनों फिर कैमरे में देखे गए। उनके दो और साथियों की तस्वीरें भी मिल गई। जब तक सुरक्षाकर्मी उन्हें दबोच पाते कि वे फरार हो गए। उन्होंने नैवेद्यम काउंटर से पर्ची भी कटवाई थी। इसके बाद नौ अगस्त को वे फिर शिकार ढूंढ़ने मंदिर में पहुंच गए तो सुरक्षाकर्मी ने एक जालसाज को दबोच लिया। पुलिस के आने पर उसके तीन और साथी पकड़े गए। पूछताछ में उन्होंने बताया कि गिरोह में लड़कियों को मिलाकर 10-15 सदस्य हैं। वे आनलाइन कोटक महिंद्रा बैंक में अकाउंट खुलवाते हैं। इसके बाद पेटीएम से घर पर पाश मशीन मंगवाते हैं। अब तक उन्होंने 84 अकाउंट खोल रखे हैं। उनके पास से 25 कार्ड भी बरामद किए गए हैं।
सात हजार से ज्यादा की नहीं करते निकासी
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि ये लोग भीड़ वाले इलाके जैसे मार्केट, रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर पाश मशीन लेकर घूमते रहते हैं। वहां जिनके क्रेडिट कार्ड का वाई-फाई आन मिलता है, उसके खाते से दो हजार रुपये ट्रांसफर कर लेते हैं। पूछने पर उन्होंने बताया कि वाई-फाई युक्त क्रेडिट कार्डधारकों को दो हजार रुपये तक की लेन-देन के लिए पासवर्ड देने की जरूरत नहीं होती। यह सुविधा कई बैंकों ने दी है, जिसका लाभ उन्हें मिल जाता है। हालांकि, ये सात हजार रुपये तक एक बार में निकाल सकते हैं। एक कार्ड से 24 घंटे में तीन बार निकासी की जा सकती है। इसके लिए उन्हें कार्डधारक के मोबाइल पर आए ओटीपी की भी आवश्यकता नहीं होती। पुलिस उनके द्वारा दी गई जानकारी का सत्यापन करा रही है।