हो जाइए सतर्क, चालीस के बाद महिलाओं में बढ़ रहा मेनोपॉज की समस्या
चालीस साल के महिलाओं में हार्मोन के बदलाव से मेनोपॉज की समस्या बढ़ रही है। जिससे मोटापे का खतरा बढ़ा रह जाता है।
पटना [जेएनएन]। चालीस साल के बाद अधिकांश महिलाओं के शरीर में हारमोनल बदलाव होते हैं। इससे उन्हें कई तरह की परेशानी होने लगती है। ऐसे में उन्हें काफी सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है। इनमें प्रमुख है सबसे ज्यादा मोटापे का शिकार होना। मोटापे पर नियंत्रण के लिए नियमित व्यायाम करना जरूरी हो जाता है। उक्त बातें राजधानी पटना में कोलकाता से आई डॉ. रत्नावली चक्रवर्ती ने कहीं।
डॉ. उषा डिडवानिया ने कहा कि महिलाओं में मेनोपॉज की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसके लिए महिलाओं को पहले से तैयार रहने की जरूरत है। यदि महिलाएं पहले से तैयार रहें तो बीमारी से ठीक से निपटा जा सकता है।
क्या है मेनोपॉज : महिलाओं में जब लगातार एक साल तक पीरियड होना बंद हो जाए, तो उसे मेनोपौज कहते हैं। यह उम्र के साथ प्राकृतिक रूप में हर महिला में होता है या किसी कारणवश समय से पहले ओवेरी और युटेरस को सर्जरी से हटा देने से हो सकता है। यह जननकाल का आखिरी समय होता है, जिसमें की होरमोंस हमेशा के लिए कम हो जाते हैं। इसमें ओवेरी से बीज जनन शक्ति खत्म हो जाता है, और औरत प्राकृतिक रूप से गर्भवती नहीं हो सकती है। इसमें जब एक साल तक लगातार मासिक धर्म नहीं होता है, तो उसे पूर्ण मेनोपाज कहते हैं।
मेनोपॉज का कैसे रखें ध्यान
ग्रीन टी का इस्तेमाल करने से इम्यून सिस्टम की क्षमता को बढ़ाती है। साथ ही कई तरह की गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर जैसी बीमारी में भी ग्रीन टी काम करती है। इसलिए आप ग्रीन टी का इस्तेमाल कर सकते है। अच्छी नींद हर किसी बीमारी के लिए दवा की जैसे काम करती है इसलिए आप इस बात का अवश्य रखे कि आप कितनी भी व्यस्त क्यों न हो एक पूरी नींद के लिए समय जरूर निकालें। तनाव से बचने के लिए वजन को संतुलित रखना भी जरूरी है। हमेशा सकारात्मक सोचें ताकि तन मन स्वस्थ हो सके। योग के साथ साथ हल्के टाइप का व्यायाम करना जरूरी होता है। पानी पीने की मात्रा को इतना बढ़ाएं ताकि आपके शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखने में मदद कर सके।