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Baramula Attack: तिरंगे में लिपटे बहादुरों को देख रो पड़े लोग, सासाराम में शहीद खुर्शीद सिपुर्द-ए-खाक

Baramula Attack बारामूला आतंकी हमले में शहीद बिहार के दो जवानों के शव उनके रोहतास व जहानाबाद स्थित पैतृक घर पहुंचे। देर रात शहीद खुर्शीद को सिपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 08:57 AM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 01:55 PM (IST)
Baramula Attack: तिरंगे में लिपटे बहादुरों को देख रो पड़े लोग, सासाराम में शहीद खुर्शीद सिपुर्द-ए-खाक

पटना, जागरण टीम। जम्मू-कश्मीर के बारामुला में आतंकियों के हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के दो जवानों, जहानाबाद निवासी लवकुश शर्मा एवं रोहतास के खुर्शीद खां का पार्थिव शरीर देर शाम जैसे ही उनके गांव पहुंचे, आतंकवादियों के खिलाफ आक्रोश के बीच देशभक्ति के गगनभेदी नारे गूंज उठे। शहीदों के स्‍वजनों के आंसू नहीं थम रहे थे। तिरंगे में लिपटे इन बहादुरों के शवों को देख कर गांव वाले भी रो पड़े। उधर, देर रात सासाराम के शहीद खुर्शीद के गांव में जबतक सूरज चांद रहेगा, खुर्शीद तेरा नाम रहेगा जैसे गगनभेदी नारे लगते रहे। शव को सिपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

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शहीद खुर्शीद खां देर रात सिपुर्द-ए-खाक

सासाराम के घुसियांकला गांव के निवासी रहे खुर्शीद खां के शव लेकर पुलिस-प्रशासन के कई वरीय अधिकारी पहुंचे थे। खुर्शीद खां को तिरंगे में लिपटा देख घुसियाकला गांव के लोग बिलखकर रो पड़े। पत्नी नगमा खातून शव के साथ लिपटकर रोती रहीं। वे बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। आधी रात के बाद घुसियाकला बाल स्थित कब्रिस्तान में शहीद खुर्शीद खां के पार्थिव शरीर को सिपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

शहीद लवकुश काे देखने उमड़ा हुजूम

उधर, लवकुश का पार्थिव शरीर जैसे ही जहानाबाद जिले के रतनी फरीदपुर प्रखंड के अइरा गांव पहुंचा, सड़कों से छत तक लोगों का हुजूम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। भारत मां के जयकारे के साथ वीर लवकुश अमर रहे के जयघोष सभी दिशाओं से लग रहे थे। लोगों की आंखे नम थीं।

पटना एयरपोर्ट पर दी श्रद्धांजलि

इससे पहले सीआरपीएफ के शहीद जवानों को पटना एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि दी गई। शहीदों का शव इंडिगो के विमान से मंगलवार को पटना पहुंचा। श्रद्धांजलि देने राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री प्रेम कुमार, कृष्णनंदन वर्मा एवं जयकुमार सिंह पहुंचे थे। उनके साथ विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और पूर्व सांसद तथा जाप सुप्रीमो पप्पू यादव भी थे।

शहीदों पर गर्व, वीरता को सलाम

मंत्री प्रेम कुमार, कृष्णनंदन वर्मा एवं जय कुमार सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आतंकियों के कायराना हमले में बिहार के दो लाल शहीद हुए हैं। हम उनकी वीरता को सलाम करते हैं। बिहार के जवान सीमा पर भी काफी मुस्तैदी व बहादुरी से मोर्चा ले रहे हैं। हमें उनपर गर्व है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार से पैरा मिलिट्री के जवानों के आतंकी अथवा नक्सली हमलों में मारे जाने पर शहीद का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार के सपूतों की कुर्बानी पर पूरे राज्य के लोगों को गर्व है। मौके पर सीआरपीएफ के अधिकारियों व जवानों ने भी शहीदों के शवों पर माल्यार्पण किया।

यारों के यार थे लवकुश

एयरपोर्ट पर अपने दोस्त को अंतिम सलामी देने पहुंचे जहानाबाद निवासी मृत्युंजय शर्मा ने बताया कि लवकुश उसके साथ ही गांव के स्कूल में पढ़ते थे। वे 2014 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनकी बहादुरी को देखते हुए ही बल की ओर से उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर में की गई थी। पिछले साल दिसंबर में ही वह घर आए थे और 20 जनवरी को वापस श्रीनगर लौटे थे। उनके पिता सुदर्शन शर्मा और पत्नी का नाम अनीता देवी हैं। दो छोटे-छोटे बेटे और एक बेटी है।

हाल ही में हुई थी खुर्शीद के पिता की मौत

वहीं रोहतास निवासी शहीद जवान खुर्शीद का शव लेने पहुंचे रिश्तेदार खुर्शीद अहमद ने बताया कि खुर्शीद सीआरपीएफ में चालक के पद पर तैनात थे। वे कुशल चालक के साथ बहादुर भी थे। उनके पिताजी की कुछ दिन पहले ही मौत हो गई थी।


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