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बिहार में आश्चर्यजनक खुलासा-यहां आबादी दो लाख की और आधार कार्ड सात लाख, कैसे बना

बिहार के बांका जिले में आधार कार्ड को लेकर बड़ी गड़बड़ी सामने आयी है। बांका जिले की आबादी दो लाख है और आधार कार्ड सात लाख बन गए हैं। खुलासे के बाद अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 01:09 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 01:09 PM (IST)
बिहार में आश्चर्यजनक खुलासा-यहां आबादी दो लाख की और आधार कार्ड सात लाख, कैसे बना
बिहार में आश्चर्यजनक खुलासा-यहां आबादी दो लाख की और आधार कार्ड सात लाख, कैसे बना

बांका [सोंटी सोनम]। जिस आधार को पहचान का सबसे बड़ा आधार माना जा रहा, बांका जिले में उसकी बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इस जिले के एक प्रखंड बाराहाट की आबादी बस 1.21 लाख है और यहां के पते पर 4.5 लाख आधार कार्ड बन गए हैं। चौंकाने वाला यह आंकड़ा कई सवाल खड़े कर रहा। सवाल पूछने पर अधिकारियों ने कुछ तकनीकी कारणों को जिम्मेदार ठहराया लेकिन वर्षों से इस संबंध में वह लापरवाह और उदासीन क्यों हैं, इस सवाल पर चुप्पी साध ली। घुसपैठ को लेकर संवेदनशील माने जाने वाले जिले में सामने आई यह लापरवाही गंभीर सवाल खड़े कर रही। 

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वेबसाइट पर दिख रहे आंकड़ें  

यूआइडीएआई (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की वेबसाइट पर जिले के बाराहाट प्रखंड में सबसे अधिक चार लाख पांच हजार 478 लोगों का आधार कार्ड दिख रहा है, जबकि यहां की आबादी 2011 की जनगणना के मुताबिक 1.21 लाख है। विभागीय अधिकारी सफाई दे रहे कि पिनकोड की गड़बड़ी के कारण ऐसा दिख रहा। उनका कहना है कि आधार कार्ड बनाने के समय स्थायी पता के लिए पिनकोड और इसके बाद संबंधित गांव का नाम चुनना पड़ता है। लेकिन 1905 के सर्वे के अनुसार बने डाटा में अधिसंख्य गांवों के नाम गलत हैं। इस वजह से आधार ऑपरेटर अब सही गांव का नाम लिखकर पिनकोड का चयन करता है, ताकि कार्ड संबंधित व्यक्ति के घर तक पहुंच जाए। इस प्रक्रिया में बांका का पिनकोड डालने के बाद सब डिस्ट्रिक्ट के कॉलम में बाराहाट ऑटो सेलेक्ट हो जाता है। इस कारण बांका के लोगों का आधार कार्ड भी बाराहाट प्रखंड में दिखने लगा।  इस तरह का मामला रजौन प्रखंड के सुजाल कुरावा गांव का भी है। उस गांव का बना आधार कार्ड भागलपुर जिले के जगदीशपुर प्रखंड में दिखता है, जबकि गांव रजौन प्रखंड में है। हालांकि अधिकारियों के पास इस गड़बड़ी के बारे में वास्तविक आंकड़े नहीं हैं। 

आधार निर्माण कंपनी विजन ने 2012 से 2014 तक बांका के गांवों में शिविर लगाकर 70 प्रतिशत तक आधार बनाया था। इसके बाद शेष आधार कार्ड बनाने का कार्य कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) ने शुरू किया है। लेकिन इसमें अधिकांश का नाम-पता, जन्मतिथि गलत है। सवाल यह भी है कि जिनका आधार कार्ड इसी तरह की गड़बड़ी से बन गया है वे कहां के निवासी माने जाएंगे? इस आधार कार्ड पर कोई एक सिम भी लेता है तो किसी आपराधिक केस होने पर उस व्यक्ति को कहां ढूंढा जाएगा? 

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सफाई दे रहे अधिकारी 

पिनकोड की गड़बड़ी की वजह से बांका और बाराहाट का डाटा बाराहाट में शो कर रहा है। इसके लिए यूआईडीएआई से शिकायत की गई है। कुछ दिनों में इसे सुधार लिया जाएगा। 

- प्रेमशंकर वत्स, जिला प्रबंधक, सीएससी

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कुछ साल पूर्व कैंप लगाकर बनाए गए आधार कार्ड में इस तरह की गड़बड़ी हुई है, जिस वजह से बांका का डाटा बाराहाट में दिख रहा है। लेकिन अब इस तरह की शिकायत नहीं होगी।  

- शिवेंद्र कुमार, जिला समन्वयक, आधार

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कहां कितने बने आधार 

प्रखंड आधार कार्ड

बाराहाट 4,05,478

कटोरिया     2,65,187

अमरपुर 2,46,470

धोरैया 2,22,972

बौंसी 1,84,397

बेलहर 1,58,841

फूल्लीडुमर 1,19,903

बांका 2,928

अन्य 215

कुल 20,72,010


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