बिहारः अपराधियों की नई चाल, अब बिना फोन किए खाली कर दे रहे अकाउंट; जानें कैसे
अपराधी बैंक अधिकारी बनकर फोन करना कम कर लोगों को मैसेजे भेज रहे हैं। दस अंक के मोबाइल नंबर से आने वाले इस मैसेज में बैंक का नाम लिखकर केवाइसी सस्पेंड होने की बात लिख रहे हैं। साथ में केवाईसी के लिए कंप्लेन के एक लिंक सांझा कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पटना: साइबर ठग लोगों के बैंक अकाउंट में सेंध लगाने के लिए नए नए पैंतरे आजमा रहे हैं। अब अपराधी बैंक अधिकारी बनकर फोन करना कम कर लोगों को मैसेजे भेज रहे हैं। दस अंक के मोबाइल नंबर से आने वाले इस मैसेज में बैंक का नाम लिखकर केवाइसी सस्पेंड होने की बात लिख रहे हैं। साथ में केवाईसी के लिए कंप्लेन के एक लिंक सांझा कर रहे हैं। अंत में फिर बैंक का नाम लिख रहे हैं। बैंक का लोगो व नाम देख कई लोग उस लिंक पर क्लिक कर साइबर ठगी का शिकार हो जा रहे हैं। इस तरह की शिकायतें सामने आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की साइबर क्राइम सेल ने लोगों को जागरूक और सतर्क रहने की सलाह दी है।
लिंक पर क्लिक करते ही मांगते हैं बैंक डिटेल
साइबर क्राइम सेल ने हाल ही में एक बैंक के नाम से भेजे जा रहे मैसेज की जांच की। पता चला कि यह साइबर अपराधियो की नई चाल है। दरअसल साइबर अपराधी गिरोह दूसरे गिरोह से लोगों का नम्बर खरीद लेते हैं। उन नंबरों पर लिंक से जुड़े इस तरह के मैसेज कर रहे हैं। लिंक क्लिक करते ही बैंक से जुड़ी जानकारी मांगी जा रही है। एक बार झांसे में आने के बाद ठग ओटीपी आदि पूछकर खाते से रकम उड़ा ले रहे हैं।
- - बैंक का लोगों लगाकर केवाईसी सस्पेंड का मैसेज भेज रहे शातिर, कम्प्लेन के लिए साथ भेज रहे लिंक
- - अंजान नम्बर से आ रहे मैसेज में दिए लिंक पर ना करें क्लिक, खाली हो सकता अकाउंट
बिना सत्यापन गलती से भी साझा ना करें जानकारी
साइबर क्राइम सेल ने मैसेज कर लोगों को सतर्क किया है। बताया कि किसी भी संदिग्ध संदेशों में आने वाले किसी भी प्रकार के किसी भी अज्ञात लिंक पर पर कभी क्लिक न करें। न ही कभी भी अपनी गोपनीय / बैंकिंग / निजी जानकारी किसी से भी साझा न करें। यह साइबर धोखाधड़ी किये जाने का प्रयास हो सकता है।