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चार साल में आधा भी नहीं बना बख्त‍ियारपुर-मोकामा फोरलेन हाइवे, 44 किमी लंबी सड़क में टाल क्षेत्र का पेंच

बख्तियारपुर-मोकामा के बीच बिल्कुल ही नए एलायनमेंट पर निर्माणाधीन फोर लेन सड़क की निर्माण गति रफ्तार नहीं पकड़ रही। इस संबंध में निर्माण एजेंसी का कहना है कि इस ग्रीनफील्ड सड़क का एलायनमेंट मोकामा टाल क्षेत्र होते हुए है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 01:13 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 01:13 PM (IST)
बख्तियारपुर-मोकामा हाइवे के निर्माण में अड़चन बना टाल क्षेत्र का जलजमाव। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। बख्तियारपुर-मोकामा के बीच बिल्कुल ही नए एलायनमेंट पर निर्माणाधीन फोर लेन सड़क की निर्माण गति रफ्तार नहीं पकड़ रही। इस संबंध में निर्माण एजेंसी का कहना है कि इस ग्रीनफील्ड सड़क का एलायनमेंट मोकामा टाल क्षेत्र होते हुए है। टाल क्षेत्र में कई जगहों पर जलजमाव की वजह से केवल खेती-किसानी ही नहीं नयी सड़क का निर्माण कार्य भी प्रभावित है। निर्माण की गति धीमी है। कई स्ट्रेच में इस तरह का जलजमाव है कि वहां पहुंच पाने में भी इससे परेशानी है।

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भौतिक प्रगति अभी 50 फीसद भी नहीं जबकि 2017 में ही करार

बख्तियारपुर-मोकामा फोर लेन सड़क निर्माण की प्रगति के संबंध में मिली अद्यतन जानकारी के अनुसार निर्माण अभी 50 फीसद भी नहीं हुआ है काम। इस प्रोजेक्ट के लिए जून 2017 में कंपनी के साथ करार हुआ था। इस वर्ष दो माह पूर्व जब इस प्रोजेक्ट की समीक्षा हुई थी तब निर्माण कार्य 36 प्रतिशत तक हुआ था। इस सड़क की लंबाई मात्र 44.6 किमी है। अब तक मात्र 12 किमी सड़क का निर्माण हो पाया है।

जमीन अधिग्रहण भी बड़ी समस्या, 2013 से ही चल रही प्रक्रिया

इस नए फोरलेन सड़क निर्माण के लिए 1873 प्लाट को अधिग्रहण के लिए 2013 में ही चयन किया गया था। इनमें से अब तक 295 प्लाट ऐसे हैं, जिन्हें जमीन अधिग्रहण की राशि नहीं मिल सकी है। वहीं 370 प्लाट इस श्रेणी के हैं, जिन्हें जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजे की राशि आंशिक तौर पर मिली है।

  • जलजमाव की वजह से काम की गति अभी धीमी
  • जमीन अधिग्रहण का काम भी नहीं पकड़ रहा रफ्तार
  • छह वर्षों में पूरा नहीं हुआ 44 किमी लंबे फोरलेन सड़क का निर्माण
  • बख्तियारपुर-मोकामा के बीच सड़क निर्माण में बाधा

251 मिसिंग प्लाट की भी मापी हुई

इस सड़क के एलायनमेंट में 251 प्लाट ऐसे भी है जो मिसिंग थे। उनकी मापी कर उन्हें अधिसूचित किया गया। वर्ष 2018 में इस काम को किया गया था। पर परेशानी यह है कि मिसिंग प्लाट के जो मालिक हैं, वे कम एमवीआर की वजह से मुआवजा नहीं ले रहे।  कुल मिलाकर 12 किमी में तरह-तरह की परेशानी है।


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