बढ़ता बिहार, उद्यम विहार: औद्योगिक गतिविधियों को लगे पंख, निवेश को बढ़ रहे हाथ; अब चाहिए रफ्तार
Badhta Bihar Udyam Vihar एक ओर नए उद्योगों की स्थापना हो रही है वहीं दूसरी ओर पुराने उद्योगों का विस्तारीकरण भी हो रहा है। देश के शीर्ष उद्यमियों को बिहार लाने की कोशिश सरकार की ओर से की जा रही है।
दिलीप ओझा, पटना। बिहार में औद्योगिक गतिविधियों को पंख लग गए हैं। सकारात्मक माहौल बनने की वजह से जहां एक ओर नए उद्योगों की स्थापना हो रही है, वहीं दूसरी ओर पुराने उद्योगों का विस्तारीकरण भी हो रहा है। देश के शीर्ष उद्यमियों को बिहार लाने की कोशिश सरकार की ओर से की जा रही है। साथ ही स्थानीय उद्यमी भी निवेश करने में पीछे नहीं हैं। इसे रफ्तार देने की जरूरत है। अनुमान है कि बिहार में हाल के दो से तीन वर्षों में ही स्थानीय उद्यमियों ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
बिहार में उद्योग मंत्री शहनवाज हुसैन नए नजरिये के साथ सकारात्मक पहल कर रहे हैं। आक्सीजन पालिसी, इथेनाल पालिसी, टेक्सटाइल पालिसी, लेदर पालिसी, एक साल के अंदर पेश की गई है। स्टील, फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र का विस्तार हुआ है। दो से तीन साल में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश स्थानीय उद्यमियों ने किया है। आने वाले समय में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ेगा। बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कहा कि उद्यमी रमाशंकर व हेमंत दास सहित पांच उद्यमियों ने इथेनाल की फैक्ट्री लगाई है। इसमें करीब 500 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है।
निवेश करने में स्थानीय उद्यमी तेजी से आगे आ रहे
सरिया के क्षेत्र में रमेश चंद्र गुप्ता ने करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है। करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से दनियावां में आधुनिक राइस मिल गोपाल खेमका व पंकज अग्रवाल की ओर से लगाई गई है। इतनी ही लागत से उद्यमी सतीश बंका ने स्नैक्स व नमकीन की यूनिट लगाई है। हाजीपुर में राज डेयरी की यूनिट 30 करोड़ रुपये से लगाई गई है। वैश्विक तकनीक पर आधारित पीरपैंती में कैटलफीड की फैक्ट्री पांच करोड़ की लागत से उद्यमी सुबोध कुमार ने लगाई है। ये सभी बीआइए के सदस्य हैं। निवेश करने में स्थानीय उद्यमी तेजी से आगे आ रहे हैं। यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। बदलते बिहार में उद्योग जगत की तस्वीर चमकने लगी है।
बीआइए के पूर्व उपाध्यक्ष संजय गोयनका ने कहा कि पुराने उद्योगों का विस्तार भी हुआ है। सेकेंड्री स्टील में करीब 70 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। फूड प्रोसेसिंग में कुरकुरे, बिस्कुट सहित पास्ता की यूनिटें करीब 100 करोड़ रुपये का निवेश की हैं। नए आक्सीजन प्लांट में भी निवेश हुआ है। निजी क्षेत्र के उद्यमियों ने करीब 50 करोड़ रुपये का निवेश किया है। अनेक उद्योग पाइपलाइन में हैं।