Ayushman Yojana: आयुष्मान कार्ड से इलाज न करने पर सख्ती, निजी अस्पतालों पर होगी कार्रवाई
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) के तहत इलाज से इनकार करने वाले निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। हेल्पलाइन नंबर 14555 पर शिकायत की जा सकती है, जिसका तुरंत निवारण किया जाएगा। पटना सिटी के सदर अस्पताल में योजना की समीक्षा की गई, जहां मरीजों की कम संख्या पर चिंता जताई गई।
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सदर अस्पताल पहुंचे अधिकारी। (जागरण)
जागरण संवाददाता, पटना सिटी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत मरीज का इलाज करने के लिए सूचीबद्ध निजी अस्पतालों द्वारा यदि इलाज करने से इनकार किया जाता है तो वैसे अस्पतालों को सूची से निष्कासित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसके लिए कोई भी व्यक्ति हेल्पलाइन नंबर 14555 पर शिकायत कर सकते हैं। प्राप्त शिकायत को कुछ ही घंटे के अंदर निष्पादित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल में योजना के तहत इलाज उपरांत उसका सरकारी स्तर पर भुगतान देर से मिलने की प्राप्त हो रही शिकायत को दूर किया जाएगा।
सोमवार की सुबह सीइओ डॉ. वर्णवाल, विशेष कार्य पदाधिकारी शशांत शेखर, उप सचिव राजेश कुमार व अन्य अधिकारियों के साथ पटना सिटी स्थित श्री गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल पहुंचे।
उन्होंने अस्पताल में प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान योजना और डिजिटल आयुष्मान मिशन के क्रियान्वयन तथा मरीजों को मिल रहे लाभ के बारे में पूरी जानकारी ली। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी के साथ अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान रजिस्ट्रेशन काउंटर, दवा वितरण केंद्र, ओपीडी, जांच, प्रतिक्षालय स्थल जाकर मरीजों से बातचीत किया।
निरीक्षण उपरांत सीईओ डॉ. वर्णवाल ने कहा कि बिहार के सभी अस्पतालों में भव्या डिजिटल एप्लीकेशन के माध्यम से मरीजों को अस्पताल में रजिस्ट्रेशन इलाज, जांच, दवा वितरण समेत अन्य सुविधाएं दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि पटना सिटी सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या बेहद कम होना चिंताजनक है। इससे मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ अधिक मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में उपलब्ध डाक्टर, नर्स कर्मचारी के बूते इंडोर व्यवस्था को बेहतर किया जा सकता है।
आयुष्मान योजना से अस्पताल का होता है विकास
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से न केवल लाभार्थी मरीजों का मुफ्त इलाज होता है बल्कि इसका लाभ अस्पताल को भी मिलता है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड के तहत भर्ती मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर, नर्स, कर्मचारियों को इंसेंटिव मिलता है।
अस्पताल को दवा खरीद समेत कई मद में राशि दी जाती है। जिस अस्पताल में अधिक मरीज इस योजना का लाभ उठाते हैं वहां आय अधिक होती है। ये राशि अस्पताल के विकास में खर्च होती है। सीईओ ने बताया कि केरल और रांची के सदर अस्पताल इस योजना का अधिक लाभ उठा रहे हैं।
रांची सदर अस्पताल ने योजना के तहत मरीज का इलाज कर लगभग चार करोड़ रुपए की आय से अस्पताल का विकास किया है। इस राशि से डॉक्टर, मशीन व अन्य सुविधाएं बढ़ाई जा सकती है।
मरीज से पूछें, राशन और आयुष्मान कार्ड है या नहीं
सीईओ डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तैयार राशन कार्ड धारकों की सूची में जिनके नाम शामिल है उन सभी को आयुष्मान कार्ड के तहत योजना का लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार राशन कार्ड की केटेगरी को लेकर जो मानक निर्धारित करेगी उसे लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अस्पताल पहुंचने वाले मरीज और उनके परिवार से यह पूछा जाए की उनके पास राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड है या नहीं। यदि है तो मरीज का इलाज आयुष्मान योजना के तहत ही किया जाए ताकि इसका लाभ अस्पताल को भी मिल सके।
अधीक्षक डॉ. योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि जिनके पास राशन कार्ड होता है उनका अस्पताल में ही आयुष्मान कार्ड बना दिया जाता है।

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