फुलवारीशरीफ नगर परिषद सभापति के खिलाफ अविश्वास, पार्षदों ने बैठक बुलाने को किए हस्ताक्षर Patna News
नगर परिषद फुलवारीशरीफ के सभापति के विरुद्ध पार्षद दो गुट में बंट गए हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर 17 पार्षदों ने बैठक बुलाने के लिए हस्ताक्षर किए हैं।
By Edited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 01:11 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 07:34 AM (IST)
पटना, जेएनएन। नगर परिषद फुलवारीशरीफ के सभापति के विरुद्ध पार्षद दो गुट में बंट गए हैं। एक गुट उपसभापति आशा कुमारी के नेतृत्व में शुक्रवार को नगर परिषद के सभापति के प्रतिनिधि ब्रजेश कुमार के हाथों में अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने के लिए आवेदन दिया। इस अविश्वास प्रस्ताव पर 17 पार्षदों ने बैठक बुलाने के लिए हस्ताक्षर किए हैं।
अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी चेयरमैन आफताब आलम के हाथों में मिलते ही नगर परिषद में गहमा-गहमी बढ़ गई। इन पार्षदों ने जताया अविश्वास पार्षद रीना चौधरी, श्वेता कुमारी, मीना कुमारी, जेवा प्रवीण, नवल किशोर, चंदन कुमार, बबीता देवी, रेशमा शाहीन, राबिया खातून, इद्दु, मो. मुन्ना, मदीना खातून, अलीमूननिशा, कुरैशा खातून, आशा कुमारी, देव कुमार, संजय प्रसाद शामिल हैं। सभापति पद पर बने रहने के लिए चाहिए 15 पार्षदों का समर्थन 28 पार्षदों वाली फुलवारीशरीफ नगर परिषद में सभापति को पद पर बने रहने के लिए सभापति के पद पर बने रहने के लिए 15 पार्षदों का चाहिए।
वर्तमान में विरोधी गुट 17 पार्षदों की हस्ताक्षरित सूची चेयरमैन को सौंपा है। 17 वर्षो से आफताब आलम का है सभापति पद पर कब्जा फुलवारीशरीफ नगर परिषद की स्थापना वर्ष 2002 में हुई थी। तब से लेकर अबतक सभापति के पद पर आफताब आलम और उनकी पत्नी खालदा युसुफ का कब्जा रहा है। वर्ष 2005 में भी आफताब आलम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। अविश्वास प्रस्ताव पर चुनाव से पहले ही पार्षदों ने प्रस्ताव को वापस ले लिया था। आफताब आलम ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने की माग पार्षदों ने की है। सात दिनों में अंदर बैठक की तारीख तय कर दी जाएगी। तारीख तय होते ही 15 दिनों में बैठक बुलाई जाएगी।
नौबतपुर के मुख्य पार्षद और उपमुख्य पार्षद की गई कुर्सी
नगर पंचायत नौबतपुर के मुख्य पार्षद कौशल कौशिक एवं और उप मुख्यपार्षद मीतू कुमारी की कुर्सी छिन गई। शुक्रवार को उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। मुख्य पार्षद कौशल कौशिक व उपमुख्य पार्षद मीतू कुमारी के खिलाफ 10 पार्षदों ने वोट दिया। नगर पंचायत कार्यालय में अनुमंडल पदाधिकारी दानापुर अंशुल कुमार एवं कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार की उपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वार्ड पार्षद राजकुमार पासवान की अध्यक्षता में बैठक हुई। मत विभाजन के बाद फैसला हुआ। नगर पंचायत के 15 में से एक वार्ड पार्षद की मौत हो चुकी है। 14 पार्षदो में पक्ष व विपक्ष दोनों खेमे को आठ वार्ड पार्षदों की जरूरत थी। इसमें विपक्षी गुट सफल रहा।
अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी चेयरमैन आफताब आलम के हाथों में मिलते ही नगर परिषद में गहमा-गहमी बढ़ गई। इन पार्षदों ने जताया अविश्वास पार्षद रीना चौधरी, श्वेता कुमारी, मीना कुमारी, जेवा प्रवीण, नवल किशोर, चंदन कुमार, बबीता देवी, रेशमा शाहीन, राबिया खातून, इद्दु, मो. मुन्ना, मदीना खातून, अलीमूननिशा, कुरैशा खातून, आशा कुमारी, देव कुमार, संजय प्रसाद शामिल हैं। सभापति पद पर बने रहने के लिए चाहिए 15 पार्षदों का समर्थन 28 पार्षदों वाली फुलवारीशरीफ नगर परिषद में सभापति को पद पर बने रहने के लिए सभापति के पद पर बने रहने के लिए 15 पार्षदों का चाहिए।
वर्तमान में विरोधी गुट 17 पार्षदों की हस्ताक्षरित सूची चेयरमैन को सौंपा है। 17 वर्षो से आफताब आलम का है सभापति पद पर कब्जा फुलवारीशरीफ नगर परिषद की स्थापना वर्ष 2002 में हुई थी। तब से लेकर अबतक सभापति के पद पर आफताब आलम और उनकी पत्नी खालदा युसुफ का कब्जा रहा है। वर्ष 2005 में भी आफताब आलम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। अविश्वास प्रस्ताव पर चुनाव से पहले ही पार्षदों ने प्रस्ताव को वापस ले लिया था। आफताब आलम ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने की माग पार्षदों ने की है। सात दिनों में अंदर बैठक की तारीख तय कर दी जाएगी। तारीख तय होते ही 15 दिनों में बैठक बुलाई जाएगी।
नौबतपुर के मुख्य पार्षद और उपमुख्य पार्षद की गई कुर्सी
नगर पंचायत नौबतपुर के मुख्य पार्षद कौशल कौशिक एवं और उप मुख्यपार्षद मीतू कुमारी की कुर्सी छिन गई। शुक्रवार को उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। मुख्य पार्षद कौशल कौशिक व उपमुख्य पार्षद मीतू कुमारी के खिलाफ 10 पार्षदों ने वोट दिया। नगर पंचायत कार्यालय में अनुमंडल पदाधिकारी दानापुर अंशुल कुमार एवं कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार की उपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वार्ड पार्षद राजकुमार पासवान की अध्यक्षता में बैठक हुई। मत विभाजन के बाद फैसला हुआ। नगर पंचायत के 15 में से एक वार्ड पार्षद की मौत हो चुकी है। 14 पार्षदो में पक्ष व विपक्ष दोनों खेमे को आठ वार्ड पार्षदों की जरूरत थी। इसमें विपक्षी गुट सफल रहा।
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