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पटना में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के आवास के सामने अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हमला, पुलिस ने भीड़ को खदेड़ा

चितकोहरा पुल के नीचे अतिक्रमण हटाने पहुंची नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया। अचानक से हुए हमले से सभी वहां से भाग खड़े हुए। बाद में दंडाधिकारी के साथ आए वज्र वाहन की टीम ने बल प्रयोग कर सभी को खदेड़ दिया।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 05:37 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 05:37 PM (IST)
चितकोहरा पुल के नीचे चलाया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान। जागरण

फुलवारी शरीफ (पटना), संवाद सूत्र। चितकोहरा पुल के नीचे अवैध रूप से झोपड़ी बना कर रहने वालों को हटाने पहुंची नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया। अचानक से हुए हमले से अतिक्रमण हटाने वाली टीम और उनके साथ सहयोग कर रही पुलिस बल भाग खड़े हुए। बाद में दंडाधिकारी के साथ आए वज्र वाहन की टीम ने बल प्रयोग कर सभी को खदेड़ दिया। इसके बाद वहां से अतिक्रमण हटाया गया। मौके पर हवाई अड्डा और सचिवालय थाना पुलिस भी पहुंची। रोड़ेबाजी में दो पुलिस कर्मी घायल हो गए। 

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भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हटाया गया अतिक्रमण   

चितकोहरा पुल के नीचे लंबे समय से अवैध झोपड़‍ियों में लोग बसे हुए थे। नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए बुधवार को पहुंची। जेसीबी से जैसे ही कारवाई शुरू की गई वहां बस लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे सामने आ गए। वे अतिक्रमण हटाने वाली टीम पर पथराव करने लगे। इतनी बड़ी संख्‍या में मौजूद लोगों के हमले के आगे बेबस हो पूरी टीम वहां से हट गई। इसकी सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को दी गई। कुछ देर बाद ही दंडाधिकारी वज्र वाहन और फायर ब्रिगेड के साथ पहुंचे। इसके बाद हंगामा कर रहे लोगों को जवानों ने खदेड़ दिया।

पथराव में दो पुलिसकर्मी हुए घायल 

इस दौरान पथराव में दो पुलिस कर्मी घायल हो गए। एक एएसआइ की आंख के नीचे पत्‍थर लग गई। दोनों को इलाज के लिए अस्‍पताल भेजा गया। मौके पर हवाई अड्डा एवं सचिवालय थाना पुलिस भी पहुंची। इसके बाद कई जेसीबी, ट्रैक्टर, तीन वज्र एवं अग्निशाम वाहन एवं भारी पुलिस बल को वहां लगाया गया था। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मंगल पांडेय के सरकारी आवास के सामने पुल के नीचे लोग लंबे समय से बसे हुए थे। वहां बकायदा घर, दुकानें भी बना ली गई थी। लेकिन अवैध कब्‍जे को जिला प्रशासन के निर्देश पर हटा दिया गया। लोगों का कहना था कि उन्‍हें तत्‍कालीन मुख्‍यमंंत्री लालू प्रसाद ने 1994 यह जगह उनलोगों को रहने के लिए दी  थी।  


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