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एटीएम की हालत खास्ताहाल, घरेलू खर्च के भी पड़ रहे लाले, ग्राहक परेशान

राजधानी पटना में 70 से 75 फीसद एटीएम में कैश नहीं रहने के चलते अच्छी खासी परेशानी हो रही है। ग्राहक एक एटीएम से दूसरे एटीएम की दौड़ लगाते लगाते थक जा रहे है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Apr 2018 12:54 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2018 05:36 PM (IST)
एटीएम की हालत खास्ताहाल, घरेलू खर्च के भी पड़ रहे लाले, ग्राहक परेशान
एटीएम की हालत खास्ताहाल, घरेलू खर्च के भी पड़ रहे लाले, ग्राहक परेशान

पटना [जेएनएन]। इन दिनों बैंकों के एटीएम के हालात बहुत ही खराब हो गए है। राजधानी पटना में लोग पैसों के लिए एक एटीएम से दूसरे एटीएम की दौड़ लगाते लगाते थक जा रहे हैं। कहीं यदि किसी एटीएम पर पैसे मिल भी रहे है तो वहां ग्राहकों की लंबी कतार देखने को मिल रही है। और सबसे ज्यादा खराब हालत तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की है। जहां हर वक्त कैश नहीं के बोर्ड लटकते दिख रहे है। ऐसे में यदि कोई ग्राहक किसी दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालता है तो वैसे ग्राहकों को काफी परेशानी होती है जिनका खाता स्टेट बैंक में हैं। होता क्या है कि दूसरे बैंकों के एटमी से सीमा से बाहर पैसा निकालने पर स्टेट बैंक उनके खाते से धीरे से पैसा काट लेती है। इस तरह से ग्राहकों में आक्रोश देखने को खूब मिलता है।

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अब देखिए न, पाटलिपुत्र कॉलोनी में एसबीआइ के एटीएम से निकलते ही विनोद सिह ने कहा-हद है, नोटबदी से भी बु़रा हाल हो गया है। दरअसल, एटीएम में रुपया नहीं था। वहीं खड़े दूसरे ग्राहक ने कहा-कहीं एटीएम ठीक से काम नहीं कर रहा है। तीसरे सज्जन ने भी अपनी भड़ास निकाली-एटीएम में ही नहीं, शाखाओं में भी पैसा नहीं है। सचमुच, बैंकिंग व्यवस्था से ग्राहक बेहाल हो गए हैं। लगन की खरीदारी की कौन कहे, फिलहाल तो घरेलू खर्च भी बैंक मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। अपने ही पैसे को पाने के लिए ग्राहक भटक रहे हैं।

बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक से डिमाड के अनुरूप रुपया नहीं मिल रहा है। भारतीय स्टेट बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष उमाकात सिह ने कहा कि वैवाहिक सीजन शुरू हो गया है। खरीदारी के लिए ग्राहकों को रुपया चाहिए। हम दे नहीं पा रहे हैं। सारण जिले की मोहम्मदपुर ब्राच में पैसे की किल्लत की वजह से ग्राहकों से बैंककर्मियों का विवाद हो गया। बैंक प्रबधक ने इस्तीफा दे दिया है। पूरे प्रदेश में कमोवेश ऐसी ही स्थिति है। न हम एटीएम चला पा रहे हैं, न ही शाखाओं को पर्याप्त पैसे की आपूर्ति कर पा रहे हैं। हमें 1500 करोड़ रुपये बिहार-झारखड स्थित 1500 एटीएम और शाखाओं को चलाने के लिए बैलेंस चाहिए मगर दो हजार से 2100 करोड़ रुपये ही बैलेंस रहता है। इतना भारी अंतर है।

आरबीआइ से रुपया नहीं मिल रहा है। क्या कर सकते हैं। एक ग्राहक अखिलेश कुमार ने कहा कि दस-बारह एटीएम दौड़ने पर भाग्यवश कहीं पैसा निकल रहा है। लगन की खरीदारी मुश्किल हो गई है। घर का खर्च चलाने में भी दिक्कत हो रही है। लोगों को एक एटीएम से दूसरे एटीएम भटकना पड़ रहा है।

बैंकों ने कहा -सिर्फ 25 फीसद ही एटीएम डाउन

बैंकों की ओर से कहा गया कि करीब 25 फीसद एटीएम डाउन हैं। हालाकि शहर के एटीएम पर नजर डालें तो तस्वीर ठीक इसके उलट है। यानी 70 से 75 फीसद एटीएम से ग्राहक निराश लौट रहे हैं। पटना जंक्शन पर कुल चार एटीएम हैं। आज भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक के एटीएम से निकासी नहीं हो रही थी। एसबीआइ के एटीएम पर नो कैश लिखा था जबकि इंडियन ओवरसीज बैंक का एटीएम खराब था। लोगों ने बताया कि यह बहुत दिनों से खराब है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और देना बैंक का एटीएम चल रहा था, दोनों पर लबी कतार लगी थी। पाटलिपुत्र कालोनी स्थित एसबीआइ के एटीएम में पैसा नहीं था। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम में भी पैसा नहीं था। बैंक ऑफ इंडिया व उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक के एटीएम से भी निकासी नहीं हो रही थी।


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