अटल बिहारी बाजपेयी को इतनी पसंद आईं हेमा मालिनी कि पटना में चले कई स्पेशल शो
अटल बिहारी वाजपेयी ने पटना में पहली बार सीता और गीता देखी थी । अशोक सिनेमा हॉल के मालिक से उनकी दोस्ती थी। अटल जी के अनुरोध पर पसंदीदा फिल्मों के कई-कई शो चलते थे । 25 दिसंबर को उनकी जयंती पर पटना के नेताओं और लोगों ने याद किया।
पटना, राज्य ब्यूरो । अटल बिहारी वाजपेयी ने 1972 में रिलीज हुई सीता और गीता पटना में देखी। फिर हेमा मालिनी उन्हें इतनी पसंद आ गईं कि अशोक सिनेमा हॉल में कई दिन तक स्पेशल शो चले। 25 दिसंबर को उनका जन्मदिन है। पटना में कई पुराने लोग वैसी घटनाएं याद करते हुए भावुक और प्रसन्न हो उठते हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी वाजपेयी पटना आते थे, तो अक्सर अशोक सिनेमा हॉल के मालिक कृष्ण बल्लभ प्रसाद नारायण सिंह उर्फ बउआ जी के यहां ठहरते थे। पसंद की फिल्में देखी जाती थीं। डिमांड पर स्पेशल शो होते थे। फिल्में बाहर से मंगाई जाती थीं। कृष्ण बल्लभ प्रसाद नारायण सिंह के बेटे श्रीप्रकाश नारायण सिंह उर्फ छोटे बउआ जी उस दौर की कहानी बताते हैं। 1972 में रिलीज फिल्म सीता और गीता फिल्म वाजपेयी ने पहली बार पटना के अशोक सिनेमा हॉल में ही देखी। हेमा मालिनी की सुंदरता और अभिनय उन्हें इतना पसंद आया कि फिर इस फिल्म को कई बार देखा।
घर में बनते थे दही-बड़े
छोटे बउआ जी बताते हैं कि अटल जी पटना आते थे, तो घर में दही बड़े बनते थे। पिताजी यानि कृष्ण बल्लभ प्रसाद नारायण सिंह उर्फ बउआ जी और मेरे ससुर जी श्यामनंदन मिश्र के साथ बहुत गहरा लगाव था। मैं जब भी दिल्ली में रहता तो सुबह में टहलने के क्रम में जरूर प्रतिदिन सुबह मुलाकात होती थी। 80 बसंत देख चुके छोटे बउआ जी कहते हैं कि हमें उनका व्यंग्य बहुत पसंद आता था।
सुशील मोदी की शादी में आए थे
बिहार में भाषण और बातचीत में अटल जी अक्सर कहा करते थे कि आप बिहारी और मैं अटल बिहारी। भाजपा के प्रमुख नेताओं पूर्व मंत्री सुखदा पांडेय, किरण घई और सुशील मोदी के पास भी अटल जी से जुड़ी ऐसी बहुत सारी स्मृतियां हैं। सुशील मोदी की शादी समारोह में शरीक होने अटल जी पटना आए थे। ठाकुर प्रसाद, कैलाशपति मिश्र, सुखदा पांडेय और गंगा प्रसाद लोग उनके साथ पटना से लेकर दिल्ली तक काम करते रहे। पारिवारिक संबंध रहे।
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री का जिक्र करते ही भाजपा की वरिष्ठ नेत्री व पूर्व एमएलसी किरण घई कहती हैं कि उन्हें भाषण भी पसंद आता था और भोजन भी। दोनों की जमकर प्रशंसा करते थे। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के दौरान वाजपेयी ने कहा था कि ओजस्वी भाषण देती हो और भोजन भी अच्छा परोसती हो। ऐसी प्रशंसा और भी कई लोगों के पास हैं।