'ठाकुर' को लेकर आया, अंग्रेजों के जमाने का जेलर
खुले मंच पर जब हंसी के फब्बारे छुटे तो मौसम भी अंगड़ाई लेने लगती है।
पटना। खुले मंच पर जब हंसी के फब्बारे छुटे तो मौसम भी अंगड़ाई लेने लगती है। हंसी के गोले से बच्चे और महिलाओं के संग बूढ़े भी जवान हो जाते है। जो लोग घरों में खुलकर हंस नहीं पाते वो आज हंसी के ठहाके लगा रहे थे। ये सबकुछ नजारा गांधी मैदान में दशहरा महोत्सव में देखने को मिला। मौका था आयुक्त कार्यालय पटना प्रमंडल श्रीकृष्ण स्मारक विकास समिति एवं कला संस्कृति युवा विभाग द्वारा दशहरा महोत्सव पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन का। महोत्सव के चौथे दिन बॉलीवुड के मशहूर कॉमेडी कलाकार असरानी एवं राजीव ठाकुर ने प्रस्तुति दी। असरानी की एक झलक पाने के लिए लोग समय से पहले ही मैदान में डटे थे। जैसे-जैसे शाम ढलती जा रही थी लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। कार्यक्रम की शुरुआत होने से पहले पटना प्रमंडल आयुक्त आनंद किशोर ने दोनों कलाकारों को स्मृति चिह्न व अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया।
बिहार के नौजवान देश की शान : असरानी ने मंच पर आते ही पूरे बिहार को इस महोत्सव को लेकर बधाई दी। असरानी ने कहा कि कई दशक बाद आज फिर से लुप्त हो रही परंपरा जीवंत हो रही है। इसका श्रेय बिहार सरकार और यहां की जनता को जाता है। बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। यहां की प्रतिभा बॉलीवुड में राज कर रही है। यहां के नौजवान दुनिया के हर कोने में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं।
उम्र ढलने के बावजूद भी अंदाज वही : उम्र ढलने के बावजूद भी असरानी का वहीं अंदाज लोगों को देखने के बाद। लाल सूट पहने असरानी आज पूरे उत्साह में दिख रहे थे। उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में हर एक डॉयलॉग शोले के अपने लोकप्रिय डायलॉग भी सुनाए। असरानी ने कहा कि सिनेमा के पर्दे पर डायरेक्टर द्वारा स्क्रिप्ट दिया जाता है पढ़ने को, लेकिन यहां न तो कोई निर्देशक है और नहीं बोलने पर पाबंदी। बातों-बातों में पाकिस्तान पर प्रहार करते हुए कहा कि पाकिस्तान के रावण को जला दिया है भारतीय ने, अटेंशन!
हंसने के लिए भाड़े के आदमी -
कॉमेडी कलाकार राजीव ठाकुर ने कहा कि बड़े लोग हंसने के लिए भी लोग रखते है। ठाकुर ने मन मचल के मोर होना चाहिए, हंसी का दौर होना चाहिए, सुनाऊंगा बहुत कुछ लोगों की तालियों में जोर होना चाहिए। एक से बढ़कर एक डायलॉग पेश कर दर्शकों को खूब झूमाया। मौके पर युवा गायिका प्रियंका भारद्वाज ने प्यार करने वाले प्यार करते है शान से.. एवं रात बाकी बात बाकी.. आदि एक से बढ़कर एक गीतों को पेश कर दर्शकों की तालियां बटोरीं।
मेला में दिख रहा सन्नाटा
दशहरा मेले के साथ यह बिडंबना है कि वहां बस कलाकारों के नाम पर भीड़ लग रही है। मेले में सन्नाटा पसरा रह रहा है। स्टॉल लगाए दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते-करते जम्हाई ले रहे हैं। इससे भी अधिक बदहाल स्थिति यह है कि आधे से अधिक स्टॉल खाली पड़े हैं। इतने अधिक खाली स्टॉल बता रहे हैं कि आयोजन में कोई गंभीर चूक हुई है। सरकार के तमाम सहयोग और सुविधा के बावजूद यह सन्नाटा कई सवाल खड़े कर रहा है। ग्राहक आ भी रहे हैं तो इक्का-दुक्का।