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फिर 'टें' बोल गईं बिहार पुलिस की राइफलें, वायरल खबरों पर ASP ने कहा- झूठ है

बिहार पुलिस अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहती है। एक बार फिर पुलिस की रायफल से शहीद जवान को सलामी देने वक्त गोलियों के नहीं चलने की चर्चा है। पुलिस ने कहा-ये झूठ है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 01:23 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 09:04 AM (IST)
फिर 'टें' बोल गईं बिहार पुलिस की राइफलें, वायरल खबरों पर ASP ने कहा- झूठ है
फिर 'टें' बोल गईं बिहार पुलिस की राइफलें, वायरल खबरों पर ASP ने कहा- झूठ है

पटना, जेएनएन। जगदीशपुर के देव टोला गांव में गुरुवार को शहीद रमेश रंजन को अंतिम सलामी देने के दौरान एक बार फिर बिहार पुलिस की किरकिरी होने की खबर सोशल मीडिया पर दौड़ती रही। सोशल मीडिया पर यहां तक खबर दौड़ी कि सलामी के दौरान बिहार पुलिस के जवान ट्रिगर दबाते रह गए, लेकिन उनके बंदूक से गोलियां नहीं निकलीं।

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इस वायरल वीडियो का जवाब देते हुए एएसपी अभियान नितिन कुमार ने कहा कि भोजपुर पुलिस के प्रत्येेक जवान को एक राउंड फायरिंग करनी थी। सभी 21 जवानों ने एक-एक राउंड फायरिंग की है। वायरल खबर गलत है।

गुरुवार की दोपहर को कश्मीर में आतंकियों को मारकर अपनी जान देने वाले शहीद रमेश रंजन का पार्थिव शरीर पटना से भोजपुर उनके गांव जगदीशपुर पहुंचा, जहां शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। उससे पहले शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए भारी संख्या में सीआरपीएफ के अलावा बिहार पुलिस के जवान भी मौजूद थे।

इस दौरान जब शहीद को अंतिम सलामी देने के लिए पुलिस की तरफ से फायरिंग कर शहीद को श्रद्धांजलि देने की बारी आई तो बिहार पुलिस की बंदूकें गोलियां उगलने में नाकामयाब रहीं। 

 सोशल मीडिया पर यह तेजी से वायरल हुई खबर में कहा गया कि शहीद रमेश रंजन को सीआरपीएफ के जवानों ने पांच बार इंसास रायफल से फायरिंग कर सलामी दी। इस दौरान सारे बुलेट फायर हुए। सलामी के समय बिहार पुलिस के जवान ट्रिगर दबाते-दबाते थक गए, लेकिन हैरानी की बात है कि केवल दो राउंड फायर हो सका।

इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें सीआरपीएफ के जवान जहां बंदूक से फायरिंग करते दिख रहे हैं, वहीं बिहार पुलिस के जवान कंधे पर बंदूक रखे खड़े हैं। 

इस मामले पर एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने विभाग का पक्ष रखते हुए कहा कि पुलिस मैनुअल के हिसाब से किसी भी शहीद को एक राउंड फायरिंग कर ही सलामी देने का प्रावधान है। अगर शहीद को सलामी देने के दौरान किसी सिपाही या फिर उसके राइफल से फायरिंग नहीं हुई होगी, तो यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच संबंधित जिले के एसपी से कहकर करवाई जाएगी।

मालूम हो कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्रा की अंत्येष्टि से पहले गार्ड ऑफ ऑनर देते समय भी यह बात उठी थी। पुलिस की 21 राइफलों से एक भी बुलेट फायर नहीं होने की खबर खूब चर्चा में रही थी।


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