चुनावी गणित: अशोक चौधरी के हाथों में तीर और निशाने पर है पंजा
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी अब जदयू मे शामिल हो गए हैं और अन्य नेताओं का भी पलायन हुआ है। एेसे में चुनाव के समय में कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
पटना [सुनील राज]। बिहार में बदले हुए राजनीतिक समीकरणों के साथ सभी पार्टियां आगामी दो चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। एक ओर दो सीट पर विधानसभा और एक सीट पर लोकसभा उपचुनाव की बिसात बिछी है तो दूसरी ओर राज्यसभा चुनाव की भी अधिसूचना आज जारी हो गई है।
तमाम दूसरे राजनीतिक दलों के साथ ही कांग्रेस भी खुद को इन चुनावों के लिए तैयार बता रही है लेकिन, हकीकत यह है कि ऐन चुनावी सरगर्मियों के बीच पार्टी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी समेत कुछ दूसरे बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ कर चले जाने से पार्टी की मुसीबतें बढ़ गई हैं।
अशोक चौधरी अब कांग्रेस को छोड़ जदयू के साथ खड़े हैं। उनके हाथों में तीर है लेकिन उनके निशाने पर है पंजा। ऐसे में कांग्रेस का परेशान होना लाजिमी है। भले ही कांग्रेस यह बात स्वीकार न करे, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले एक दशक से अधिक समय से सत्ता से बाहर रही कांग्रेस अशोक चौधरी के कार्यकाल में बिहार में उसकी वापसी हुई और चार विधायकों वाली पार्टी 27 के आंकड़े तक पहुंची। इतना ही हीं महागठबंधन की सरकार में सत्ता में भी अपनी भागीदारी निभायी।
डॉ. चौधरी ने ऐसे वक्त में पार्टी को अलविदा कहा है जब एक ओर भभुआ में कांग्रेस प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहा है तो दूसरी ओर तकरीबन सोलह साल बाद कांग्रेस को बिहार कोटे से राज्यसभा भी जाने का मौका मिल रहा है। परन्तु इतना साफ है कि कांग्रेस की मौजूदा स्थिति के कारण नेतृत्व की परेशानी बढ़ी हुई है।
खासकर अशोक चौधरी ने पार्टी आलाकमान को ऊहापोह में डाल दिया है।
कांग्रेस के लिए अपने सदस्यों को इस चुनाव में एकजुट रखना बड़ी चुनौती होगी। जानकार भी मानते हैं कि डॉ. चौधरी बिहार कांग्रेस को परेशान करने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देंगे। राज्यसभा चुनाव पर उनकी खास नजर होगी। उनका प्रयास होगा कि किसी भी हाल में कांग्रेस के सामने बाधा खड़ी की जाए।
डॉ. चौधरी के पास कांग्र्रेस के सभी विधायकों की कुंडली, इच्छा और अपेक्षा की जानकारी है। ऐसे में आलाकमान को आशंका है कि राज्यसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव में डॉ. चौधरी बड़ी बाधा खड़ी कर सकते हैं।
बिहार कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने आरोप लगाया है कि अशोक चौधरी पार्टी विधायकों को तरह-तरह के प्रलोभन देकर लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अशोक चौधरी ने कांग्रेस के कई जिलाध्यक्षों को तोड़ कर जदयू की सदस्यता भी दिलाई है। बावजूद पार्टी उनके मकसद को सफल नहीं होने देगी।
उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट हैं और डॉ. चौधरी की दोनों ही चुनाव में चलने नहीं दी जाएगी। उन्होंने जो मंसूबा पाल रखा है वह मंसूबा ही रह जाएगा।